कश्मीर से लेकर CAA तक, भारत के इन मुद्दों पर टिप्पणी दे चुके हैं जो बाइडेन और कमला हैरिस, यहां पढ़ें
By स्वाति सिंह | Published: November 5, 2020 08:06 PM2020-11-05T20:06:19+5:302020-11-05T20:10:12+5:30
कमला हैरिस उन अमेरिकी सीनेटर्स में थीं जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ आवाज उठाई1 उन्होंने दिसंबर 2019 में एक प्रस्ताव पेश किया था। इसी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीनेटर प्रमिला जयपाल से मिलने पर इनकार कर दिया था। हैरिस ने जयपाल के समर्थन में ट्वीट किया था।
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी दोनों ने ही एक-दूसरे से आगे होने का दावा किया है, जबकि अभी अंतिम परिणाम कुछ राज्यों पर टिका है जहां कोविड-19 महामारी के बीच डाक मतपत्रों की गिनती का काम पूरा होना बाकी है। ट्रंप और बाइडेन दोनों ने ही ऐसे महत्वपूर्ण राज्यों में जीत दर्ज की है जहां वे अपनी जीत की उम्मीद कर रहे थे। व्हाइट हाउस में शीर्ष कुर्सी पर आरूढ़ होने के लिए ट्रंप या बाइडेन के लिए 538 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीटों’ में बहुमत के लिए आवश्यक कम से कम 270 सीटों पर जीत जरूरी है।
ताजा आंकड़ों को देखते हुए जो बाइडेन और कमला हैरिस की जोड़ी जीत की तरह जाती हुई दिख रही है। ऐसे में भले ही डेमोक्रेट्स की ओर से भारत को अमेरिका का सच्चा दोस्त बताया गया हो। लेकिन बाइडेन-हैरिस ने कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिनकी भारत में आलोचना हुई है।
पाकिस्तान के प्रति नरम बाइडेन
वैसे तो कई मौकों पर जो बाइडेन ने आतंकवाद की कड़ी आलोचना की है। लेकिन इससे इतर उनका पाकिस्तान के प्रति नरम रुख दिखता रहा है। ओबामा प्रशासन के दौरान जब पाकिस्तान को अमेरिका से आर्थिक मदद मिली, तब बतौर उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने अहम रोल निभाया। इसी वजह से तब की पाकिस्तान सरकार ने जो बाइडेन ने 2008 में हिलाल ए पाकिस्तान से नवाजा था। ये पुरस्कार पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।
जो बाइडेन कर चुकें हैं जम्मू-कश्मीर के हालात पर टिप्पणी
डेमोक्रेटिक जो बाइडेन भारत सरकार के दो फैसलों की खुलेआम आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कश्मीर में भी पुरानी स्थिति बहाल करने को कहा था। बाइडेन की चुनावी वेबसाइट पर मुस्लिम-अमरीकियों के लिए एजेंडा में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का विरोध किया गया था। बाइडेन की तरफ से कहा गया था कि CAA और NRC, भारत में सेक्युलरिज्म की परंपरा से मेल नहीं खाते।
कमला हैरिस दे चुकी हैं कश्मीर पर हस्तक्षेप के संकेत
भारत के संविधान से अनुच्छेद 370 हटाने का कमला हैरिस विरोध कर चुकी हैं। पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने कहा था कि 'अगर हालात बने तो हस्तक्षेप' की जरूरत पड़ेगी।' सितंबर 2020 में प्रचार के दौरान कमला हैरिस से कश्मीर को लेकर सवाल किया गया था। उन्होंने जवाब में कहा, 'मैं उन लोगों से कहना चाहती हूं कि वे अकेले नहीं हैं। हम देख रहे हैं।' उन्होंने कहा था कि अगर अमेरिका किसी तरह से कश्मीर में होने वाली घटनाओं पर असर डाल सकता है कि उसके लिए उनका एक प्रतिनिधि वहां होना चाहिए। हैरिस ने कहा था, "हमारे आदर्शों का हिस्सा है कि हम मानवाधिकार के उल्लंघन का विरोध करते हैं और जरूरत पड़ने पर दखल भी।" हैरिस के मुताबिक, बतौर कमांडर इन चीफ वह इसी हिसाब से चलेंगी।
कमला हैरिस CAA के भी खिलाफ
कमला हैरिस उन अमेरिकी सीनेटर्स में थीं जिन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ आवाज उठाई1 उन्होंने दिसंबर 2019 में एक प्रस्ताव पेश किया था। इसी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीनेटर प्रमिला जयपाल से मिलने पर इनकार कर दिया था। हैरिस ने जयपाल के समर्थन में ट्वीट किया था।