#MidTerm2018 चुनाव परिणाम: ट्रंप की रिपब्लकिन पार्टी को लगा बड़ा झटका, अमेरिका को मिला पहला समलैंगिक गवर्नर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 7, 2018 09:45 AM2018-11-07T09:45:14+5:302018-11-07T09:47:30+5:30
अमेरिका के midterms2018 चुनाव को रिपब्लिकन नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर जनमत सर्वेक्षण माना जा रहा था।
अमेरिका के मध्यावधि चुनाव (midterms2018) के नतीजे आने शुरू हो गये हैं। भारतीय समय के अनुसार बुधवार को आए परिणाम में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा (US House of Representatives) में डेमोक्रेटिक पार्टी को बहुमत मिल गया है। वहीं अमेरिकी सीनेट (US Senate) में रिपब्लकिन पार्टी का नियंत्रण बरकरार रहा।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार राशिदा तलाइब और इलहान उमर नाम की दो मुस्लिम महिलाएं भी चुनाव जीतकर अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य बनी हैं। राशिदा तलाइब अमेरिकी सांसद बनने वाली पहली फिलिस्तीनी-अमेरिकी महिला हैं।
टेक्सस के सांसद टेड क्रूज दोबारा चुनाव जीतकर अमेरिकी सीनेट पहुंचे हैं। कांसस से चुनाव जीतने वाली शराइस डेविड्स अमेरिकी संसद पहुँचने वाली पहली आदिवासी अमेरिकी हैं। कोलराडो के गवर्नर पद का चुनाव जीतने जारेड पोलिस अमेरिकी इतिहास के पहले ऐसे गवर्नर हैं जो खुलेआम समलैंगिक है।
इन मध्यावधि चुनाव को रिपब्लिकन नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर जनमत सर्वेक्षण माना जा रहा था। डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और अमेरिका की पूर्व उपराष्ट्रपति हिलेरी क्लिंटन ने मध्यावधि चुनाव से पहले 'बस बहुत हो गया' का नारा देते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की थी। पिछले साल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में ट्रंप ने हिलेरी को हराकर ही चुनाव जीता था।
अमेरिकी मतदाताओं ने मंगलवार को मध्यावधि चुनाव में प्रतिनिधि सभा की 435 सीटों, सीनेट की 100 में से 35 सीटों, गवर्नर के 36 पदों और देशभर में राज्य विधायिकाओं की सीटों के लिये मतदान किया था।
Republicans retain control of US Senate: AFP news agency #Midterms2018
— ANI (@ANI) November 7, 2018
मंगलवार को हुआ था मतदन, ट्रंप और हिलेरी ने किया था प्रचार
अमेरिका में अहम मध्यावधि चुनाव के लिये मंगलवार को हजारों मतदाताओं ने मतदान किया था। इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विवादास्पद नीतियों पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है और इसके नतीजे राष्ट्रपति के तौर पर उनके अगले दो साल कैसे होंगे इसका फैसला करेंगे। मतदान मेन, न्यू हैंपशायर, न्यूजर्सी, न्यूयॉर्क, वर्जीनिया समेत 50 में से 35 राज्यों में स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे शुरू हुआ।
इससे पहले प्रतिनिधि सभा में बहुमत हासिल करने के लिये राष्ट्रपति ट्रंप ने आखिरी प्रयास किया। इस महत्वपूर्ण चुनाव को ट्रंप की पहली बड़ी चुनावी परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। इसे आप्रवास समेत ट्रंप की विवादित नीतियों पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है।
2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार रहीं हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं और मूल्यों को कमजोर करने और ट्रंप प्रशासन के हमले को दो साल तक देखने के बाद अमेरिकियों के लिये ‘बस बहुत हो चुका’ कहने का वक्त आ गया है। उन्होंने मतदाताओं से ‘चरमपंथ, धर्मांधता और भ्रष्टाचार के खिलाफ मतदान’ करने और ऐतिहासिक संख्या में महिलाओं समेत समूचे देश में उम्दा उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की अपील की।
प्रचार के दौरान ट्रंप ने प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत बरकरार रखने के लिये मतदाताओं को समझाने का भरपूर प्रयास किया।
सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजन्टेटिव में कब्जे की लड़ाई
मध्यावधि चुनाव से पहले तक रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट और प्रतिनिधि सभा दोनों सदनों में बहुमत हासिल था।
मध्यावधि चुनाव से पहले तक अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की 435 सीटों में रिपब्लिकन पार्टी के पास 235 सीटें और डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 193 सीटें थीं।
प्रतिनिधि सभा की सभी सीटों के लिये हर दो साल में मतदान होते हैं। अमेरिकीन सीनेट में कुल 100 सीटें हैं।
क्लीवलैंड में मतदान से एक दिन पहले एक रैली के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि मध्यावधि चुनाव ‘नीरस’ हुआ करते थे, लेकिन मतदान प्रतिशत और राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल पर मीडिया की पैनी नजर की वजह से अब यह काफी दिलचस्प हो गये हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)