अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी, कहा- आतंकवादी संगठनों को मदद देना बंद करना चाहिए
By भाषा | Published: October 12, 2019 12:58 PM2019-10-12T12:58:35+5:302019-10-12T12:58:35+5:30
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार हसन और होलेन ने भारत के साथ तनावपूर्ण स्थिति के बीच मौजूदा स्थिति का मुआयना करने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का दौरा किया और भारत से अपने कर्फ्यू को समाप्त करने, कैदियों को रिहा करने और संचार बहाल करने सहित हालात बेहतर करने के अन्य कदम उठाने की अपील की।
अमेरिका की एक शीर्ष सांसद ने कहा कि पाकिस्तान को तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों की मदद करनी बंद कर देनी चाहिए। इस्लामाबाद में पाकिस्तानी नेतृत्व से मुलाकात के एक दिन बाद सीनेटर मैगी हसन ने भारत पहुंच यह बयान दिया। हसन ने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान में स्थिरता लाने और आतंकवाद के खिलाफ ठोस प्रयासों तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में पाकिस्तान की अहम भूमिका है।’’
अमेरिकी सांसदों- हसन और क्रिस वैन होलेन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी हमलों को रोकने और आतंकवादी विचारधारा के प्रसार को रोकने के लिए और क्या किया जा सकता है इसपर पाकिस्तान के प्रमुख नेताओं से बातचीत करना विशेष रूप से उपयोगी था। ’’
हसन ने कहा, ‘‘ इसके अलावा, पाकिस्तान के वरिष्ठ नेतृत्व से यह प्रत्यक्ष रूप से कहना आवश्यक था कि उसे तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों की मदद करना बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही कश्मीर में जारी तनाव के बीच यह महत्त्वपूर्ण है कि हम दोनों तरफ तनाव को कम करने में मदद करने के तरीके खोज पाएं।’’
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार हसन और होलेन ने भारत के साथ तनावपूर्ण स्थिति के बीच मौजूदा स्थिति का मुआयना करने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का दौरा किया और भारत से अपने कर्फ्यू को समाप्त करने, कैदियों को रिहा करने और संचार बहाल करने सहित हालात बेहतर करने के अन्य कदम उठाने की अपील की।
भारत दौरे पर हसन कश्मीर की मौजूदा स्थिति, अमेरिका-भारत संबंधों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर चर्चा करने के लिए राजनीतिक और उद्योग जगत की प्रमुख शख्सियतों से अमेरिकी दूतावास में मुलाकात करेंगी। इससे पहले दोनों सांसदों ने अफगानिस्तान की यात्रा की और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ-साथ कई अफगान महिला अधिकारियों से भी मुलाकात की थी, जिन्होंने तालिबान के साथ बातचीत में संघर्षरत देश का प्रतिनिधित्व किया था।