यूएस जनरल ने कहा, भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर ध्यान दूंगा
By भाषा | Published: July 12, 2019 02:00 PM2019-07-12T14:00:35+5:302019-07-12T14:00:35+5:30
जनरल मार्क ए मिल्ले ने इस पद के लिए उनके नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष लिखित प्रश्नों के उत्तर में कहा, ‘‘यदि मेरे नाम की पुष्टि हो जाती है तो मैं भारत के साथ रक्षा संबंधों को बरकरार रखने और उन्हें बढ़ाना देना जारी रखूंगा और मैं मौजूदा द्विपक्षीय सैन्य वार्ताओं और 2+2 मंत्रिस्तीय बैठकों समेत उच्च स्तरीय बैठकों में भागीदारी के जरिए ऐसा करूंगा।’’
अमेरिका में ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टॉफ के अध्यक्ष के तौर पर नामित एक अमेरिकी जनरल ने कहा है कि इस पद के लिए उनके नाम की पुष्टि होने पर अमेरिका भारतीय सैन्य बलों के साथ ‘‘सूचना साझा करने की क्षमता’’ बढ़ाने को प्राथमिकता देगा।
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टॉफ के अध्यक्ष के तौर पर नामित जनरल मार्क ए मिल्ले ने इस पद के लिए उनके नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष लिखित प्रश्नों के उत्तर में कहा, ‘‘यदि मेरे नाम की पुष्टि हो जाती है तो मैं भारत के साथ रक्षा संबंधों को बरकरार रखने और उन्हें बढ़ाना देना जारी रखूंगा और मैं मौजूदा द्विपक्षीय सैन्य वार्ताओं और 2+2 मंत्रिस्तीय बैठकों समेत उच्च स्तरीय बैठकों में भागीदारी के जरिए ऐसा करूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारतीय सैन्य बलों के साथ सूचना साझा करने की हमारी क्षमता बढ़ाने को विशेष प्राथमिकता दूंगा।’’ इस समय अमेरिकी ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल जोसेफ डनफोर्ड हैं। यदि सीनेट में मिल्ले के नाम की पुष्टि हो जाती है तो वह डनफोर्ड की जगह लेंगे।
अफगानिस्तान से ना तो सेना कम कर रहे हैं और ना ही भाग रहे हैं : अमेरिकी दूत
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की खबरों के बीच तालिबान से बातचीत के लिए अमेरिकी दूत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका दुनिया के सबसे लंबे युद्ध से ना अपनी सेना ‘‘कम कर रहा है और ना ही वहां से भाग’’ रहा है और करीब 18 साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता में महिलाओं के अधिकारों को भी तवज्जो दी जाएगी।
जलमय खलीलजाद ने कतर से एक वीडियो लिंक के जरिए वाशिंगटन में दर्शकों को संबोधित किया। वाशिंगटन में हुआ यह कार्यक्रम उन महिलाओं की आवाज उठाने पर केंद्रित रहा जिन्होंने आशंका जताई कि तालिबान के साथ किसी तरह के शांति समझौते से आजादी हासिल करने के लिए किए गए उनके प्रयासों पर पानी फिर जाएगा और यह उन्हें तालिबान के दमनकारी शासन के दौर में वापस ले जाएगा।
अफगानिस्तान में जन्मे अमेरिकी दूत ने कहा, ‘‘हम यहां बहुत ही सकारात्मक विरासत छोड़ना चाहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ना तो सेना कम कर रहे हैं और ना ही मैदान छोड़कर भाग रहे हैं। हम सेना हटाने का समझौता नहीं कर रहे हैं। हम शांति समझौता कर रहे हैं। हम अफगानिस्तान के साथ दीर्घकालिक रिश्ते और साझेदारी की उम्मीद कर हैं।’’ तालिबान ने मौजूदा अफगान सरकार से मुलाकात करने से इनकार कर दिया है लेकिन शांति को लेकर चर्चा चल रही है।
पाकिस्तान के साथ मजबूत सैन्य संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है: अमेरिकी जनरल
अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने कहा कि वॉशिंगटन को पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस महीने के अंत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात होनी है।
‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टॉफ’ के अध्यक्ष के तौर पर नामित जनरल मार्क ए. मिल्ले ने इस पद के लिए उनके नाम की पुष्टि संबंधी सुनवाई में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष लिखित प्रश्नों के उत्तर में कहा, ‘‘ भले ही, हमने सुरक्षा सहायता और बड़ी रक्षा वार्ताओं को रोक दिया है, लेकिन हमें हमारे साझा हितों के आधार पर मजबूत सैन्य संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प की दक्षिण एशिया रणनीति अमेरिकी हितों को हासिल करने में पाकिस्तान को एक अहम सहयोगी मानती है। अलकायदा या आईएसआईएस से निपटने में और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने में पाकिस्तान अहम सहयोगी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि अध्यक्ष के तौर पर मेरे नाम की पुष्टि होती है तो मेरा उद्देश्य अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों को बरकरार रखना होगा और हम पाकिस्तान पर अमेरिका के अनुरोधों के अनुसार काम करने का दबाव बनाएंगे। ’’ उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सुलह के समर्थन में सकारात्मक योगदान दिया है।