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US Election Results 2024: ट्रम्प की जीत?, आखिर क्यों महिलाओं ने हार्मोन और गर्भपात की गोलियां जमा कीं!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 12, 2024 20:13 IST

US Election Results 2024: मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गर्भपात की गोलियों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक एड एक्सेस ने चुनाव परिणामों के बाद मांग में तेज वृद्धि दर्ज हुई है।

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ठळक मुद्दे24 घंटों में दवा के लिए 10,000 लोगों ने मांग की है। सामान्य दैनिक अनुरोधों का लगभग 17 गुना है। संख्या आम तौर पर लगभग 600 होती है।

US Election Results 2024: संयुक्त राज्य अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने बाजी मार ली है। इस बीच महिलाओं ने अलग तरह से विरोध शुरू कर दिया है। महिलाओं ने "प्रजनन सर्वनाश" की प्रत्याशा में हार्मोनल गर्भ निरोधकों और गर्भपात की दवाओं का स्टॉक करना शुरू कर दिया। ट्रम्प जनवरी 2025 में 47 वें राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल शुरू करेंगे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार गर्भपात की गोलियों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक एड एक्सेस ने चुनाव परिणामों के बाद मांग में तेज वृद्धि दर्ज हुई है। बुधवार सुबह रिपब्लिकन उम्मीदवार को विजेता घोषित हो जाने के बाद 24 घंटों में दवा के लिए 10,000 लोगों ने मांग की है। यह सामान्य दैनिक अनुरोधों का लगभग 17 गुना है, जिनकी संख्या आम तौर पर लगभग 600 होती है।

जस्ट द पिल एक गैर-लाभकारी संस्था जो टेलीमेडिसिन के माध्यम से गर्भपात की दवा प्रदान करती है, ने नोट किया कि बुधवार से शुक्रवार तक उसके 125 ऑर्डर में से 22 ऐसे से आए जो गर्भवती नहीं थीं। प्लान सी संगठन जो गर्भपात की दवा तक पहुंच के बारे में जानकारी प्रदान करता है। वेबसाइट पर 82,200 विज़िटर आए।

द गार्जियन के साथ एक साक्षात्कार में प्लान सी के सह-संस्थापक एलिसा वेल्स ने कहा कि लोग ट्रम्प राष्ट्रपति पद के तहत अपेक्षित प्रजनन संकट के लिए तैयारी करने की कोशिश कर रहे हैं। आईयूडी और पुरुष नसबंदी जैसी दीर्घकालिक जन्म नियंत्रण विधियों की मांग में वृद्धि देखी है।

राष्ट्रीय गर्भपात महासंघ के अध्यक्ष ब्रिटनी फोंटेनो ने इस बात पर जोर दिया कि बढ़ी हुई चिंता संभावित ट्रम्प प्रशासन के तहत गर्भपात की पहुंच के वास्तविक और दबाव वाले खतरे से प्रेरित थी। उन्होंने कहा, "लोग अपनी आवश्यक देखभाल पाने की क्षमता को लेकर स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं।"

अमेरिका में गर्भपात को मंजूरी देने वाले संविधान संशोधन को मतदाताओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। एरिजोना के मतदाताओं ने जहां सशोधन के समर्थन में मत दिया तो वहीं नेब्रास्का ने इस संशोधन को सिरे से खारिज कर दिया। इस संविधान संशोधन के तहत 21 सप्ताह के बाद भी गर्भपात को मंजूरी प्रदान की जानी थी।

अमेरिका में बहुत से लोग गर्भपात की वर्तमान 15 सप्ताह की सीमा को बढ़ाये जाने की मांग कर रहे थे। एरिज़ोना के मतदाताओं ने उस संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे दी जो आमतौर पर 21 सप्ताह के बाद गर्भपात की गारंटी देता है। एरिज़ोना उन नौ राज्यों में से एक था, जहाँ गर्भपात को मतपत्र पर रखा गया था।

2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रो बनाम वेड को पलट दिए जाने के बाद से डेमोक्रेट्स ने अपने अभियानों में गर्भपात के अधिकारों को केंद्र में रखा है। वहीं नेब्रास्का के मतदाताओं ने राज्य में गर्भपात के अधिकार को मंजूरी देने वाले संवैधानिक संशोधन को मतपत्र के जरिये अस्वीकार कर दिया।

नेब्रास्का ने गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए गर्भपात को अनुचित ठहराया। मतपत्र पर गर्भपात से जुड़े दो उपाय शामिल थे, जिसमें पहले गर्भपात को मंजूरी देने से जुड़ा था। वहीं दूसरे उपाय में राज्य के मौजूदा 12-सप्ताह के गर्भपात प्रतिबंध को राज्य के संविधान में शामिल करना और सख्त प्रतिबंधों की संभावना की अनुमति देता है।

यह दूसरा उपाय पारित हो चुका है। नेब्रास्का, पहला राज्य है, जिसने गर्भपात के लिए एक ही मतपत्र पर गर्भपात संशोधनों को आगे बढ़ाया। एसोसिएटेड प्रेस ने मंगलवार देर रात तीन बजकर 27 मिनट पर इस उपाय को खारिज किये जाने की घोषणा की।

टॅग्स :अमेरिकाडोनाल्ड ट्रंपकमला हैरिस
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