अमेरिका-चीन तनावः उप विदेशमंत्री बोले- हमारी रणनीति CHINA को हर मोर्चे पर पीछे धकेलने की

By भाषा | Published: September 1, 2020 02:13 PM2020-09-01T14:13:05+5:302020-09-01T16:33:48+5:30

‘‘हमारी रणनीति चीन को वस्तुत: हर क्षेत्र में वापस पीछे धकेलने की है। हम यह सुरक्षा के क्षेत्र में कर रहे हैं। हम यह पर संप्रभु इलाकों पर दावा जताने की उसकी बेमानी मांगों के संदर्भ में कर रहे हैं, चाहे भारत-चीन सीमा पर भारत की गलवान घाटी का मामला हो या फिर दक्षिण प्रशांत सागर का।’’

US-China tension Deputy Foreign MinisterOur strategy push backwards on all fronts | अमेरिका-चीन तनावः उप विदेशमंत्री बोले- हमारी रणनीति CHINA को हर मोर्चे पर पीछे धकेलने की

राजनीतिक प्रणाली और चीनी हितों में बदलाव होगा और वह अधिक नियम आधारित व्यवस्था बनेगा। (file photo)

Highlightsइस सम्मेलन का आयोजन ‘अमेरिका भारत रणनीति एवं साझेदारी मंच’ (यूएसआईएसपीएफ) ने किया था।आने वाले वर्षों में अमेरिका-चीन आर्थिक संबंधों में संतुलन लाने के लिए ढेर सारे कदम उठाए जाएंगे।राष्ट्रपति ने चीनी अर्थव्यवस्था के अनुचित और दमनकारी तौर-तरीकों के खिलाफ कार्रवाई की है और पहले चरण का व्यापार समझौता (इस दिशा में) बस पहला कदम है।

वाशिंगटनः अमेरिकी राजनयिक ने सोमवार को कहा कि चीन अपने हितों के हर मोर्चे पर लड़ाई तेज कर रहा है, इसलिए अमेरिका की रणनीति भारत के गलवान घाटी पर संप्रभुता के दावे सहित सभी मोर्चों पर चीन को पीछे धकेलने की है।

अमेरिकी उप विदेश मंत्री स्टीफन बिगन ने ‘तीसरे भारत-अमेरिका नेतृत्व सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि तार्किक संतुलन और साझे हित की तलाश करने के बजाय अमेरिका ने पाया कि प्रौद्योगिकी की चोरी हो या अन्य देशों के जमीन और समुद्री इलाकों पर राष्ट्रीय संप्रभुता का दावा, चीन ने जितना हो सकता था, उतना मौकों का दोहन किया। इस सम्मेलन का आयोजन गैर लाभकारी संगठन ‘अमेरिका भारत रणनीति एवं साझेदारी मंच’ (यूएसआईएसपीएफ) ने किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका सभी मोर्चों पर उसे पीछे धकेलने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है।’’ बिगन ने ‘तीसरे भारत-अमेरिका नेतृत्व सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारी रणनीति चीन को वस्तुत: हर क्षेत्र में पीछे धकेलने की है। हम यह सुरक्षा के क्षेत्र में कर रहे हैं। हम यह पर संप्रभु इलाकों पर दावा जताने की उसकी बेमानी मांगों के संदर्भ में कर रहे हैं, चाहे भारत-चीन सीमा पर भारत की गलवान घाटी का मामला हो या फिर दक्षिण प्रशांत सागर का।’’

ट्रम्प प्रशासन भी आर्थिक मामलों में यही कर रहा

उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन भी आर्थिक मामलों में यही कर रहा है। भारत में अमेरिकी राजदूत रह चुके रिचर्ड वर्मा से बात करते हुए बिगन ने कहा,‘‘ राष्ट्रपति ने चीनी अर्थव्यवस्था के अनुचित और दमनकारी तौर-तरीकों के खिलाफ कार्रवाई की है और पहले चरण का व्यापार समझौता (इस दिशा में) बस पहला कदम है।

आने वाले वर्षों में अमेरिका-चीन आर्थिक संबंधों में संतुलन लाने के लिए ढेर सारे कदम उठाए जाएंगे।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि बहुत लंबे समय से, चीन को विशेष विशेषाधिकार और लाभ, और यहां तक कि उनके बीच के संदेह का लाभ देने की इच्छा थी, ताकि चीन को अधिक आधुनिक और समृद्ध बनाया जा सके।’’

राजनीतिक प्रणाली और चीनी हितों में बदलाव होगा

बिगन ने कहा कि बीस साल पहले जब चीन को विश्व व्यापार संगठन में लाने के लिए पहल की गई तो नीति निर्माताओं को मानना था कि चीन जिन संस्थानाओं से जुड़ रहा है उससे उसकी राजनीतिक प्रणाली और चीनी हितों में बदलाव होगा और वह अधिक नियम आधारित व्यवस्था बनेगा।

उप विदेशमंत्री ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से अमेरिकी प्रशासन इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सभी मोर्चो पर यह प्रयोग असफल रहा है और मैं यह उल्लेख करना चाहता हूं कि हम चीन को दोबारा पीछे धकेलेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सबसे असफल धारणा रही कि चीन के संस्थानों से जुड़ने से अंतत: चीन बदल जाएगा। अमेरिका ने पाया कि इस शताब्दी में चीन ने तेजी से विकास किया और इन संस्थानों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल इन संस्थानों में चीन के हितों में बदलाव के लिए कर रहा है।’’

बिगन ने कहा, ‘‘अमेरिका के नजरिये से यह अस्वीकार्य है और विश्व स्वास्थ्य संगठन या विश्व बौद्धिक संपदा संगठन जैसे संस्थानों में हम उसे पीछे धकेल रहे हैं। हम जोरदार धक्का दे रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि ये संगठन अपने मूल सिद्धांतों का पालन करें या हम स्पष्टकर देंगे कि हम उन कोशिशों का हिस्सा नहीं बनेंगे, लेकिन यहां सरकार की पूरी कोशिश पुरानी स्थिति पर लाने की है। ’’

आंतरिक रूप से चीन,साथ-साथ तिब्बत की सांस्कृतिक पहचान मिटाने की कोशिश कर रहा

बिगन के कहा, ‘‘आंतरिक रूप से चीन,साथ-साथ तिब्बत की सांस्कृतिक पहचान मिटाने की कोशिश कर रहा है। वह सैकड़ों हजारों, अगर लाखों नहीं तो उइगर मुस्लिमों को उनकी आस्था और ऐतिहासिक परंपरा से अलग करने की कोशिश कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि चीनी सरकार ने ब्रिटेन-चीन के बीच हांगकांग के हस्तांतरण को लेकर हुए समझौते का उल्लंघन किया है और इस द्वीप को बीजिंग से सीधे नियंत्रित करना ‘एक चीन दो प्रणाली’ के सिद्धांत को खत्म करना है, जिसकी प्रतिबद्धता चीन ने ब्रिटेन और हांगकांग के लोगों से जताई थी और वर्ष 2049 तक इसे कायम रखना था।

बिगन ने बीजिंग के विभिन्न देशों के साथ बहुपक्षीय संघर्ष की प्रवृत्ति को रेखांकित करते हुए कहा, ‘भारत के साथ शुत्रता के करीब की स्थिति है, ताइवान के साथ वैर की स्थिति है, जापान के साथ प्रतिस्पर्धा और असहयोग है। ऑस्ट्रेलिया के साथ उसके रिश्ते खराब हो रहे हैं और काफी हद तक यही स्थिति न्यूजीलैंड के साथ है।’

Web Title: US-China tension Deputy Foreign MinisterOur strategy push backwards on all fronts

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