संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चुनावः भारत का जीतना तय, चीन और पाकिस्तान का समर्थन, विदेश मंत्री कुरैशी बोले-असर नहीं पड़ेगा
By भाषा | Published: June 17, 2020 02:36 PM2020-06-17T14:36:08+5:302020-06-17T14:39:14+5:30
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में आज चुनाव है। 15 देश अस्थायी सदस्य के तौर पर सुरक्षा परिषद में चुने जाएंगे। इस बीच चीन और पाकिस्तान में भारत को सहयोग किया है।
संयुक्त राष्ट्रः भारत को बुधवार को सुरक्षा परिषद के चुनावों में आसान जीत मिलने की उम्मीद है, जिससे वह 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन जाएगा।
193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराएगी। कोविड-19 से संबंधित पाबंदियों के कारण संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मतदान के विशेष इंतजाम किए गए हैं। भारत का अस्थायी सदस्य के तौर पर 15 देशों की सुरक्षा परिषद में शामिल होना लगभग तय है।
भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवार है। भारत की जीत इसलिए तय मानी जा रही है, क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार है। चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।
महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है। ये 10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं।
परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि इस परिषद में भारत की मौजूदगी से ‘वसुदैव कुटुम्बकम्’ के उसके लोकाचार को दुनिया तक लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबिंत करने और विश्वसनीय बने रहने के लिए बदलने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
भारत को अस्थायी सीट मिलना ‘नियमित प्रक्रिया’ है
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पांच अस्थायी सीटों के लिए चुनाव के एक दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि 15 सदस्यीय परिषद में भारत को अस्थायी सीट मिलना ‘नियमित प्रक्रिया’ है और इससे पाकिस्तान पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर जुड़ने वाला है। इसके लिए बुधवार को चुनाव होगा। भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सीट के लिए उम्मीदवार है। समूह से एकमात्र सीट के लिए अकेले उम्मीदवार होने के नाते भारत को जीत मिलने वाली है।
कुरैशी ने संसद में यह टिप्पणी की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यूएनएससी में भारत की सदस्यता पर उन्हें बयान देना चाहिए। आसिफ की टिप्पणी पर कुरैशी ने कहा कि भारत को स्थायी सीट मिलने को लेकर उन्होंने बात नहीं की थी, लेकिन अस्थायी सीट के लिए चुनाव हो रहा है, जो कि ‘नियमित प्रक्रिया’ है।
पाकिस्तान धार्मिक अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करना बंद करे : भारत ने यूएनएचआरसी में कहा
भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को ‘‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र ’’ बताया और इस्लामाबाद से ‘अच्छा पड़ोसी’ बनने तथा अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बंद करने को कहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 43 वें सत्र में भारत के जवाब देने के अधिकार के तहत विदेश मंत्रालय में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति सर्वविदित है, जहां सुनियोजित तरीके से ईशनिंदा कानून का दुरुपयोग कर उनके जीवन को और बदहाल बनाया जा रहा है।
आर्यन ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बेतुके और अनर्गल टिप्पणियों को खारिज कर दिया । उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा देश, जिसने अपने अल्पसंख्यक समुदायों को दूसरे या तीसरे दर्जे का नागरिक बना दिया है, उसका दूसरे देश के अल्पसंख्यकों के लिए अचानक ही हमदर्दी जाग गयी है।’’ उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान को देश बनने के 60 साल बाद अल्पसंख्यक आयोग बनाने का खयाल आया । इस तथाकथित अल्पसंख्यक आयोग में भी अल्पसंख्यकों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों के प्रति सहिष्णु होना चाहिए और हमारे प्रति मित्रतापूर्ण और सहयोगात्मक रवैया होना चाहिए ताकि दक्षिण-एशियाई क्षेत्र में शांति कायम हो। ’’ भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘इस देश (पाकिस्तान) को कोई भी यही सलाह देगा कि दूसरों के यहां झांकने के बजाए अपने यहां अल्पसंख्यकों से हो रहे भेदभाव को वह बंद करें। ’’ आर्यन ने कहा कि ‘‘जम्मू कश्मीर को लेकर भारत का फैसला हमारे संप्रभु अधिकार के तहत हुआ है और यह भारत का आंतरिक मामला है। जम्मू कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा है। ’’