UN की उप प्रमुख अमीना मोहम्मद ने धार्मिक सौहार्द के लिए सम्राट अशोक के संदेश की दिलाई याद
By भाषा | Published: June 16, 2019 07:28 PM2019-06-16T19:28:54+5:302019-06-16T19:28:54+5:30
उन्होंने 11 जून को लिस्बन में ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज्म में कहा, ‘‘हजारों सालों से विद्वान और दार्शनिक एकता और बहुलवाद, संपूर्ण और उसके घटकों के बीच तनाव पर बहस करते आ रहे हैं। दो सहस्राब्दियां पहले भारतीय सम्राट ‘अशोक महान’ ने सभी धर्मों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्तों तथा एक दूसरे के धर्मग्रंथों के प्रति सम्मान रखने का संदेश दिया था।’’
संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने दुनियाभर में बढ़ती असहिष्णुता के बीच विविधता और समावेश के महत्व पर जोर देते हुए सभी धर्मों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्तों के भारतीय सम्राट अशोक के संदेश का उल्लेख किया। अमीना ने धर्मस्थलों पर हमलों और अल्पसंख्यकों, शरणार्थियों तथा किसी को खुद से अलग समझकर उस पर निशाना साधकर की जा रही हिंसा के समय में बहुलवाद के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने 11 जून को लिस्बन में ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज्म में कहा, ‘‘हजारों सालों से विद्वान और दार्शनिक एकता और बहुलवाद, संपूर्ण और उसके घटकों के बीच तनाव पर बहस करते आ रहे हैं। दो सहस्राब्दियां पहले भारतीय सम्राट ‘अशोक महान’ ने सभी धर्मों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्तों तथा एक दूसरे के धर्मग्रंथों के प्रति सम्मान रखने का संदेश दिया था।’’
‘अशोक महान’ के नाम से प्रसिद्ध सम्राट अशोक मौर्य वंश के शासक थे जिन्होंने 268 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व तक लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया था। अमीना ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया में बहुलवाद के वचन को पूरा करने के लिए लंबा रास्ता तय करना है।
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव ने देशों में बढ़ती असहिष्णुता और भेदभाव के प्रति चिंता जताते हुए कहा कि प्राथमिकताओं को फिर से तय करने और आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक प्रणालियों को पुनर्गठित करने की बहुत जरूरत है। उन्होंने न्यूजीलैंड में मस्जिदों पर, श्रीलंका में गिरजाघरों पर और अमेरिका में यहूदी प्रार्थनास्थलों पर हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि उपासना की जगहों पर बढ़ते हुए ये हमले एक दूसरे के प्रति और मानवता के प्रति सम्मान की कमी के उदाहरण हैं।