UN चीफ ने कहा, राष्ट्र, मानवता की गरिमा बनाए रखें, कोविड-19 से प्रवासी और शरणार्थी सबसे ज्यादा हुए हैं प्रभावित
By भाषा | Published: June 4, 2020 01:02 PM2020-06-04T13:02:03+5:302020-06-04T13:02:03+5:30
दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के 64 लाख 44 हजार से अधिक मामले हैं। अब तक 3 लाख 82 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र:संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस (António Guterres) ने कोविड-19 की वजह से शरणार्थी, आंतरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों और प्रवासियों के सबसे अधिक प्रभावित होने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे समय में सभी राष्ट्र मानवता की गरिमा बनाए रखें और मानवाधिकारों का सम्मान करें। उन्होंने कोविड-19 से निपटने के लिए सरकारों द्वारा लगाए यात्रा प्रतिबंध और सीमा नियंत्रिण के संदर्भ में यह बात कही। महासचिव ने अपनी नई योजना ‘कोविड-19 एंड पीपल ऑन द मूव’ पर जानकारी देते हुए कहा कि दुनियाभर में कोविड-19 जिंदगियों और आजीविकाओं को तबाह कर रहा है और सबसे कमजोर, सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'यह सच है कि लाखों लोग पलायन कर रहे हैं.... शरणार्थी, आंतरिक रूप से विस्थापित हुए लोग, जो हिंसा या आपदा की वजह से अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं या प्रवासी।'
गुतारेस ने कहा कि प्रवासी और विस्थापित लोगों को एक साथ तीन संकटों का सामना करना पड़ रहा है... स्वास्थ्य, सामाजिक-आर्थिक और सुरक्षा का संकट। साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 ‘‘मानव गतिशीलता की फिर से कल्पना करने का एक अवसर है।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय वैश्विक महामारी के दौरान मानवता की गरिमा बनाए रखे और उन चुनिंदा देशों से सीखें , जिन्होंने अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संरक्षण सिद्धांतों का पूरी तरह से सम्मान करते हुए यात्रा प्रतिबंध और सीमा नियंत्रण को लागू किया है।’’
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 सबसे पहले एक स्वास्थ्य संकट है और पलायन कर रहे लोग भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर इससे प्रभावित हो सकते हैं, जहां स्वास्थ्य देखभाल, पानी और साफ-सफाई मिलना मुश्किल है और सामाजिक दूरी तो एक ‘‘असंभव सुख’’ होगा। उन्होंने कहा कि सबके सुरक्षित होने तक कोई भी सुरक्षित नहीं है और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि निदान, उपचार और टीके सभी के लिए सुलभ हों।