यूक्रेन-रूस युद्ध: जंग के बीच पुतिन का बड़ा फैसला, यूक्रेन के अहम इलाकों से पीछे हट रही है रूसी सेना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 10, 2022 07:15 AM2022-11-10T07:15:21+5:302022-11-10T07:35:49+5:30

आपको बता दें कि खेरसॉन से रूसी सेना का हटना रूस के लिए एक अन्य बड़ा झटका है। ऐसा इसलिए क्योंकि यही एकमात्र ऐसी प्रांतीय राजधानी थी जिसपर रूसी सैन्यबलों ने आठ महीने की लड़ाई के दौरान कब्जा किया था।

Ukraine-Russia crisis Putin's big decision amid war Russian army withdrawing important areas Ukraine Kherson | यूक्रेन-रूस युद्ध: जंग के बीच पुतिन का बड़ा फैसला, यूक्रेन के अहम इलाकों से पीछे हट रही है रूसी सेना

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsरूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी सेना द्वारा पीछे हटने का मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि रूसी सेना यूक्रेन के खेरसॉन से पीछे हट रही है। अगर यह खबर सही है तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए यह एक झटका के समान है।

कीव: रूस की सेना ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन एवं उसके आसपास के क्षेत्रों से पीछे हट रही है। पिछले आठ महीने से चल रही इस लड़ाई में यह रूस के लिए एक अन्य अपमानकारी झटका माना जाएगा। 

वैसे यूक्रेन के अधिकारियों ने इस कदम की तत्काल पुष्टि नहीं की है। हाल के दिनों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि अपनी चाल में फंसाने के लिए खेरसॉन से हटने का स्वांग रूसी रच रहे हैं। 

रूसी सेना के शीर्ष कमांडर ने क्या कहा

जेलेंस्की ने नागरिकों को रूसी नियंत्रण वाले ‘युद्धक्षेत्र’ में अंदर तक आने के लिए राजी करने की कोशिश को ‘नाटक’ करार दिया। यूक्रेन में रूसी सेना के शीर्ष कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने बुधवार को रक्षामंत्री सर्गेई शोइगू से कहा कि खेरसॉन तथा पश्चिमी तट के अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सामानों की आपूर्ति करना असंभव है। 

8 महीने से कब्जे वाले इलाके को छोड़ रहे है रूसी सेना

इस पर शोइगू पीछे हटने और पूर्वी तट पर रक्षा पंक्ति खड़ा करने के उनके प्रस्ताव पर राजी हो गए। खेरसॉन से अपनी सेना का हटना रूस के लिए एक अन्य बड़ा झटका है। यही एकमात्र ऐसी प्रांतीय राजधानी थी जिसपर रूसी सैन्यबलों ने आठ महीने की लड़ाई के दौरान कब्जा किया था। 

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ने क्या कहा

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा-थॉमस ग्रीनफील्ड ने आगाह किया कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से किए गए अनाज आपूर्ति समझौते के विस्तार पर निर्भर करती है। ग्रीनफील्ड ने कहा कि दुनियाभर में 82.8 करोड़ लोग रोजाना भूखे पेट सोते हैं। 

इसलिए यह अनिवार्य है कि काला सागर के माध्यम से यूक्रेन की शिपमेंट (खेप) को बहाल करने के लिए किए गए समझौते का विस्तार किया जाए। यह समझौता 11 दिन में समाप्त हो रहा है। 

रूस जानबूझकर यूक्रेन के कृषि क्षेत्रों को बना रहे है निशाना-संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत

यूक्रेन की राजधानी कीव में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यूक्रेन ने लंबे समय तक दुनिया को अनाज की आपूर्ति की है, लेकिन रूस द्वारा उस पर हमला किए जाने से यूक्रेन के गेहूं के खेत युद्ध के मैदान में तब्दील हो गए हैं। रूसी बल जानबूझकर यूक्रेन के कृषि क्षेत्रों को निशाना बना रहे हैं।’’ 

ऐसे में ग्रीनफील्ड ने बताया कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा कि खाद्य सुरक्षा ‘‘निजी तौर पर उनकी प्राथमिकता है।’’ 

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