UAE के पहले हिन्दू मंदिर की बुनियाद का काम पूरा, बगैर लोहे और स्टील के तैयार होगा भव्य मंदिर
By भाषा | Published: February 15, 2020 01:29 PM2020-02-15T13:29:38+5:302020-02-15T13:29:38+5:30
यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर और दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत विपुल, सामुदायिक विकास प्राधिकरण के सीईओ उमर अल मुथन्ना और शापूरजी पलोंजी के सीईओ मोहनदास सैनी की मौजूदगी में पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी और पूज्य अक्षयमुनिदास स्वामी ने परियोजना के लिए विशेष पूजा की।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबूधाबी के पहले हिंदू मंदिर के निर्माण में महत्त्वपूर्ण पड़ाव पूरा हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि यहां इसकी नींव को पहली बार कांक्रीट से भरने का कार्य पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में संयुक्त अरब अमीरात में दुबई के ओपेरा हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर की आधारशिला रखी थी।
यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर और दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत विपुल, सामुदायिक विकास प्राधिकरण के सीईओ उमर अल मुथन्ना और शापूरजी पलोंजी के सीईओ मोहनदास सैनी की मौजूदगी में पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी और पूज्य अक्षयमुनिदास स्वामी ने परियोजना के लिए विशेष पूजा की।
समारोह के दौरान पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी ने कहा, “आज हमने मंदिर की अनोखी नींव भरने का कार्य प्रारंभ किया जिसका निर्माण प्राचीन प्रौद्योगिकी के साथ आधुनिक उपकरणों से किया गया है।” उन्होंने कहा, “यह ईश्वर की कृपा, समुदाय के पूर्ण समर्थन और यहां मौजूद हर व्यक्ति के प्रेम के बिना संभव नहीं था।”
राजदूत कपूर ने कहा, “मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मुझे इसका श्रेय मेरे पूर्ववर्ती को देना होगा जिन्होंने इस पहल का समर्थन किया और यूएई की सरकार को इस बड़े और उदार फैसले को लेने के लिए मनाया जिसने न सिर्फ भूमि दान की बल्कि मंदिर के लिए पहला लाइसेंस भी दिया।”
यूएई के हिन्दू मंदिर की नींव
अल मुथन्ना ने कहा कि व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म को मानता हो, अगर वह अच्छा/सकारात्मक है तो वह समुदाय के लिए धरोहर के समान है। उन्होंने कहा, “हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमने सही साझेदार चुना, आज का दिन इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि हमने सही साझेदार बीएपीएस को चुना।’’
निर्माण स्थल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे जहां समारोह की शुरुआत प्रार्थनाओं के साथ हुई और इसके बाद मंदिर की नींव में फ्लाई ऐश कंकरीट भरने का काम पूरा हुआ। मंदिर की नींव में एक ही बार में 3,000 घन मीटर कंकरीट का मिश्रण भरा गया जो 55 प्रतिशत फ्लाई ऐश से बना हुआ था। इससे मंदिर की नींव को दुनिया भर में प्रयोग होने वाले कंकरीट मिश्रणों की तुलना में अधिक पार्यावरण हितैषी तरीके से भरा गया।