ट्रंप प्रशासन ने विदेशी छात्रों को वीजा देने से इनकार करने वाले आदेश को किया रद्द
By स्वाति सिंह | Published: July 15, 2020 04:16 AM2020-07-15T04:16:54+5:302020-07-15T04:16:54+5:30
यूनिवर्सिटी ऑफ हार्वर्ड और दूसरे कई संस्थानों ने सरकार के खिलाफ कानून का सहारा लिया और उन्होंने यूएस इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्स (ICE) के 6 जुलाई को लिए गए फैसले का विरोध किया।
न्यूयॉर्क: भारी विरोध एवं कोर्ट की दखल के बाद आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन वीजा को लेकर फैसला वापस ले लिया। यानि अब वह ऑनलाइन क्लास करने वाले विदेशी छात्रों पर किसी भी तरह का विजा प्रतिबंध नहीं लगाएगा। बता दें कि अमेरिका ने 6 जुलाई को ऐसे छात्रों से छात्र वीजा वापस लेने की घोषणा की थी जिनकी क्लास कोरोना के कारण केवल ऑनलाइन मॉडल पर हो रही थी।
यूनिवर्सिटी ऑफ हार्वर्ड और दूसरे कई संस्थानों ने सरकार के खिलाफ कानून का सहारा लिया और उन्होंने यूएस इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्स (ICE) के 6 जुलाई को लिए गए फैसले का विरोध किया। जज ऐलिसन बरॉ ने सुनवाई के दौरान कहा, 'सरकार अपना फैसला वापस लेने को तैयार हो गई है। कोई नया नियम लागू नहीं किया जा रहा है।'
Trump administration rescinds order denying foreign students US visas, says judge: AFP news agency
— ANI (@ANI) July 14, 2020
गूगल, फेसबुक समेत कई कंपनियों ने किया नई छात्र नीति का विरोध
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा विदेशी छात्रों का वीजा ऑनलाइन कक्षाओं के चलते प्रतिबंधित करने के फैसले की तीखी आलोचना के बीच देश के 17 राज्यों ने इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे को गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट समेत एक दर्जन से ज्यादा शीर्ष अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने भी समर्थन दिया और मुकदमे में शामिल होने की घोषणा की थी।
हार्वर्ड और एमआईटी ने कोर्ट में याचिका दी थी कि ICE द्वारा दिए गए आदेश को निरस्त किया जाए। इसमें कहा गया था कि जो स्टूडेंट ऑनलाइ क्लास ले रहे हैं उन्हें वापस अपने देश जाना होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने भी कई संस्थानों के खिलाफ कदम उठाए थे जो कि फिर से कामकाज शुरू करना चाहते थे।
विश्वविद्यालयों ने कहा था कि अगर इस तरह का कदम उठाया जाता है तो न केवल व्यक्तिगत रूप से लोगों को नुकसान होगा बल्कि वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ेगा। 2018-19 अकैडमिक इयर में अमेरिका में लगभग 10 लाख विदेशी स्टूडेंट थे।