Whatsapp के जरिए की गई चार महाद्वीप और 20 देशों के उच्च अधिकारियों की जासूसी, अधिकांश अमेरिका के सहयोगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 1, 2019 10:11 AM2019-11-01T10:11:12+5:302019-11-01T10:11:12+5:30
व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं।
व्हाट्सएप के जरिए फोन हैकिंग का शिकार करीब 20 देशों के वरिष्ठ अधिकारी हुए हैं। इनमें अधिकांश अमेरिका के सहयोगी देश हैं। रायटर्स ने इस जासूसी कांड की जांच से जुड़े लोगों के हवाले से ये बात लिखी है। दावा किया जा रहा है कि इसमें हाई प्रोफाइल सरकारी अधिकारी हैं। इसका राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।
फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सऐप ने बृहस्पतिवार को कहा कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के वैश्विक स्तर पर जासूसी की जा रही है। दुनिया भर के बड़े अधिकारी, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। इसमें भारत के लोग भी शामिल हैं। इसके बाद लोगों की निजता को लेकर नये सिरे से बहस छिड़ गयी है। इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने व्हाट्सऐप से मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है।
पीटीआई भाषा के मुताबिक व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। जासूसी करने वाले निकायों का नाम नहीं बताया गया है, लेकिन कहा गया है कि जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं, उनमें चार महाद्वीपों के लोग शामिल हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
कंपनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला, जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया। व्हाट्सऐप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हाट्सऐप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है। कंपनी को लगता है कि ये व्यक्ति इस मालवेयर से प्रभावित हुए हैं। हालांकि कंपनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बताई है, लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय उपयोक्ता भी शामिल हैं।
वैश्विक स्तर पर व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या डेढ़ अरब है। भारत में करीब 40 करोड़ लोग व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं। कंपनी पहले भी फर्जी खबरों के प्रसार को लेकर सरकार का कोपभाजन रह चुकी है। खबरों के अनुसार, मानवाधिकार अधिवक्ता निहालसिंह राठौड़, छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता शालिनी गेरा और बीबीसी के पूर्व पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने यह स्वीकार किया है कि वे इस जासूसी का शिकार बने हैं। हालांकि इसका सत्यापन नहीं किया जा सका है।