फ्रांस में कोरोना के इलाज के लिए बड़ी पहल! कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों के ब्लड प्लाजमा को बीमार लोगों में चढ़ाने का होगा मेडिकल ट्रायल

By मनाली रस्तोगी | Published: April 5, 2020 01:20 PM2020-04-05T13:20:36+5:302020-04-05T13:20:36+5:30

कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे यहां के कुछ संस्थानों ने तय किया है कि जो कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण से स्वस्थ हो गए हैं, अब उनके ब्लड प्लाज्मा (Blood Plasma) की मदद से उन मरीजों के लिए इलाज खोजा जाएगा, जोकि इससे संक्रमित हैं।

To treat COVID-19 patients, France has decided to test plasma of coronavirus survivors | फ्रांस में कोरोना के इलाज के लिए बड़ी पहल! कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों के ब्लड प्लाजमा को बीमार लोगों में चढ़ाने का होगा मेडिकल ट्रायल

कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों के ब्लड प्लाजमा में छिपा है कोरोना का इलाज! (फाइल फोटो)

Highlightsफ्रांस कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों के प्लाज्मा (Plasma) से संक्रमित लोगों के इलाज को लेकर टेस्ट करेगाअमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी कोरोना से लड़ने के लिए अपने डॉक्टर्स को इसी रणनीति पर काम करने को कहा है।

पेरिस: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने अब तक पूरे विश्व को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिसकी वजह से लगातार हो रही मौतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। अभी तक इसका एंटीडोट तैयार नहीं हो पाया है। ऐसे में फ्रांस ने तय किया है कि कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों के प्लाज्मा (Plasma) यानी जीवाणु से अब वह इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज का परीक्षण करेगा।

फ्रांस 24 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे यहां के कुछ संस्थानों ने तय किया है कि जो कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण से स्वस्थ हो गए हैं, अब उनके ब्लड प्लाज्मा (Blood Plasma) की मदद से उन मरीजों के लिए इलाज खोजा जाएगा, जोकि इससे संक्रमित हैं। 

मालूम हो, जब से चीन में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ा है, तब से सभी डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ इस महामारी का इलाज खोजने में जुटे हुए हैं। हालांकि, कोई भी देश अभी तक इसका वैक्सीन विकसित नहीं कर पाया है। ऐसे में अगर फ्रांस में डॉक्टर्स कोरोना से ठीक हुए लोगों के प्लाज्मा के जरिए कोई वैक्सीन विकसित कर लेते हैं तो इससे इंसानों की जान बचाई जा सकती है। 

आपको बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स में ये बात सामने आई है कि संवहन प्लाज्मा (Convalescent plasma), जोकि बीमारी के बाद एंटीबॉडी के साथ रक्त के प्रवाह में द्रव के रूप में मौजूद है, वह इबोला और सार्स सहित संक्रामक रोगों को ठीक करने के लिए छोटे अध्ययनों में प्रभावी साबित हुआ है। ऐसे में फ्रांसीसी सरकार ने अपनी एक रणनीति के तहत यह तय किया है कि वो इसका इस्तेमाल अपने चिकित्सकों पर करेगा। अगर इसके रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो इसके जरिए वह देश में मौजूद सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ करेंगे। 

पेरिस अस्पताल प्राधिकरण और राष्ट्रीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के एक संयुक्त बयान के अनुसार, मंगलवार (7 अप्रैल) से यह ट्रायल शुरू किए जाएंगे। इस संयुक्त बयान में कहा गया कि कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों के जीवाणु को कोरोना से संक्रमित मरीजों के शरीर में डाला जाएगा और फिर ये देखा जाएगा कि क्या वो इसकी मदद से स्वस्थ होने में सक्षम हैं या नहीं। 

दरअसल, ये माना जा रहा है कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो गए हैं उनके जीवाणु की रोग प्रतिरोधक शक्ति ज्यादा बेहतरीन है, जिसकी वजह से वो स्वस्थ हो गए। इसलिए अब उनके रोग प्रतिरोधक शक्ति की मदद से संक्रमित मरीजों को स्वस्थ करने की रणनीति बनाई है। इस परीक्षण के लिए पेरिस के अस्पतालों में 60 रोगियों को शामिल किया जाएगा, जिनमें से 30 लोग कोरोना पॉजिटिव मरीज होंगे, जबकि अन्य 30 इससे स्वस्थ हुए लोग होंगे।

माना जा रहा है कि इन परीक्षण के नतीजे दो से तीन हफ़्तों के बाद पता चलेंगे। हालांकि, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी कोरोना से लड़ने के लिए अपने डॉक्टर्स को इसी रणनीति पर काम करने को कहा है। 

Web Title: To treat COVID-19 patients, France has decided to test plasma of coronavirus survivors

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