TikTok हांगकांग में बंद करेगी अपना कारोबार, भारत में बंद हो चुका है टिकटॉक का ऑपरेशन
By निखिल वर्मा | Published: July 7, 2020 09:43 AM2020-07-07T09:43:33+5:302020-07-07T09:50:43+5:30
बाइटडांस कंपनी की टिकटॉक ऐप के मनोरंजन के लिए छोटे वीडियो बनाने के लिए मशहूर है
टिक टॉक (TikTok) ने हांगकांग में अपने ऑपरेशन बंद करने के संकेत दिए हैं। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार फेसबुक समेत अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियां भी हांगकांग में अपना कारोबार समेट रही है। दरअसल, यहां की सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर यह फैसला लिया गया है। टिक टॉक के प्रवक्ता ने कहा, 'हाल के कुछ घटनाओं को देखते हुए हमने हांगकांग में टिक टॉक ऐप के ऑपरेशन को बंद करने का फैसला लिया है।' इससे पहले भारत में 59 चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगने के बाद टिक टॉक ने गूगल प्ले स्टोर और प्ले स्टोर से खुद को हटा दिया है। इसके अलावा टिक टॉक ने भारत में अपने ऑपरेशन को तत्काल बंद कर दिया है।
टिकटॉक ने एक बार फिर कहा है कि उसने ऐप का इस्तेमाल करने वाले किसी भी यूजर की जानकारी चीन अथवा किसी अन्य देश के साथ साझा नहीं की है। ना ही चीन द्वारा उससे जानकारी मांगी गई है। हांगकांग मामले में कंपनी का कहना है कि यहां उसका कारोबार घाटे मेंच चल रहा था। पिछले साल अगस्त में टिकटॉक ने बताया था कि उसने हांगकांग में 1.5 लाख यूजर जोड़े हैं। एनालिटिक्स फर्म सेंसर टॉवर के अनुसार, इस साल पहली तिमाही के बाद ऐपल और गूगल ऐप स्टोर्स के माध्यम से TikTok को 2 बिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया गया है।
भारत में बाइटडांस को होगा 6 अरब डॉलर का नुकसान
वीडियो सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक पर मालिकाना हक रखने वाली चीन की बाइटडांस लिमिटेड को भारत में उसके तीन ऐप पर रोक लगाये जाने से छह अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। कंपनी की दो अन्य ऐप वीगो वीडियो और हेलो हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार ने चीन की कुल 59 ऐप पर रोक लगा दी थी। इसमें टिकटॉक, वीगो वीडियो, हेलो, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज, वीचैट और शेयरचैट जैसी चर्चित ऐप शामिल हैं। भारत सरकार ने देश की संप्रभुता और अखंडता और डेटा सुरक्षा को खतरा बताते हुये इन ऐप को बंद किया।
चीन के काईशिन ग्लोबल डॉट कॉम ने बाइटडांस के एक वरिष्ठ प्रबंधकीय अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि छह अरब डॉलर का यह नुकसान भारत द्वारा प्रतिबंधित अन्य चीनी ऐप के कुल नुकसान से अधिक होने की संभावना है। बाइटडांस चीन की उभरती प्रौद्योगिकी कंपनी है। डेटा सुरक्षा की वजह से भारत के अलावा इसे कई अन्य देशों में भी स्थानीय सरकारों के विरोध का सामना करना पड़ा है।