तिब्बत को लेकर अमेरिका चीन पर हुआ और सख्त, US के विदेश मंत्री ने चीनी अधिकारियों को दी वीजा प्रतिबंध लगाने की धमकी

By अनुराग आनंद | Published: July 8, 2020 03:54 PM2020-07-08T15:54:27+5:302020-07-08T15:54:27+5:30

अमेरिकी विदेश मंत्री ने तिब्बत को लेकर नीति निर्माण करने वाले अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि तिब्बत क्षेत्र में विदेशियों को नहीं जाने देने की नीतियां बनाने वाले अधिकारी का वीजा प्रतिबंधित होगा।

The US has been tough on China over Tibet, US Secretary of State threatens to impose visa ban on Chinese officials | तिब्बत को लेकर अमेरिका चीन पर हुआ और सख्त, US के विदेश मंत्री ने चीनी अधिकारियों को दी वीजा प्रतिबंध लगाने की धमकी

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (फाइल फोटो)

Highlightsमाइक पोम्पियो ने कहा कि चीन के कुछ अधिकारी हमारे पत्रकारों, अधिकारियों व पर्यटकों को तिब्बत जाने से रोकते हैं।अमेरिका ने कहा कि तिब्बत के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों के सम्मान व रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।अमेरिका ने कहा तिब्बत में एशिया की प्रमुख नदियों के उदगम के पास पर्यावरणीय क्षरण को रोकने में बीजिंग विफल रहा है।

नई दिल्ली: तिब्बत को लेकर अमेरिका ने चीन पर और अधिक सख्त रूख अपना लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि तिब्बत मामले में हद से ज्यादा दखल-अंदाजी करने वाले कुछ चीनी अधिकारियों पर यूएस प्रतिबंध लगाएगा। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा के ये वो अधिकारी होंगे जो अमेरिकी अधिकारियों व पत्रकारों को तिब्बत जाने से रोकते हैं और उन्हें तिब्बत नहीं जाने देते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री ने तिब्बत को लेकर नीति निर्माण करने वाले अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि यह प्रतिबंध उन अधिकारियों पर लगाया जाएगा जो तिब्बत क्षेत्र में विदेशियों को नहीं जाने देने की नीतियां बनाने का काम करते हैं। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा कि नीति के क्रियान्वयन में भी जिस अधिकारी की भूमिका होगी उनके वीजा को भी प्रतिबंधित किया जाएगा। 

अमेरिका तिब्बतियों के "सार्थक स्वायत्तता" का समर्थन करता है-

माइक पोम्पियो ने एक बयान में कहा कि अमेरिका तिब्बतियों के लिए "सार्थक स्वायत्तता" का समर्थन करने और उनके मौलिक मानवाधिकारों के सम्मान व रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही पोम्पेओ ने कहा, "तिब्बती क्षेत्रों में प्रवेश क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वहां चीन के द्वारा मानवाधिकारों का हनन होता है।

इसके साथ ही अमेरिका ने कहा कि एशिया की प्रमुख नदियों के उदगम के पास पर्यावरणीय क्षरण को रोकने में बीजिंग विफल रहा है,वह दुनिया से इस बात को छिपाए रखना चाहता है। 

बता दें कि इस समय अमेरिका व चीन के संबंध वर्षों में अपने सबसे निचले बिंदु पर पहुंच गए हैं क्योंकि चीन में शुरू होने वाले कोरोनावायरस महामारी ने संयुक्त राज्य अमेरिका को काफी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन ने बार-बार बीजिंग पर कोरोना संक्रमण को लेकर पारदर्शी नहीं होने का आरोप लगाया है।

चीन ने अमेरिका व दुनिया को काफी नुकसान पहुंचाया-

कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बरकरार है। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। ट्रंप का कहना है कि चीन के कारण अमेरिका और दुनिया को बड़ा नुकसान हुआ है।

ट्रंप ने एक ट्वीट में लिखा- 'चीन के चलते अमेरिका और दुनिया को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।' ट्रंप का यह ट्वीट कोरोना वायरस के संबंध में है। दरअसल कई मौकों पर ट्रंप चीन पर कोरोना वायरस महामारी फैलाने का आरोप लगाते आए हैं।

Web Title: The US has been tough on China over Tibet, US Secretary of State threatens to impose visa ban on Chinese officials

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