नोबेल जीतने वाले स्टूडेंट को टीचर ने कहा, 'तुम्हें पढ़ाना समय बर्बाद करने जैसा है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 7, 2022 08:00 PM2022-02-07T20:00:17+5:302022-02-07T20:10:18+5:30
नोबेल के इंस्टा पेज पर बताया गया है कि साल 2012 में फिजियोलॉजी मेडिसिन के लिए नोबेल जीतने वाले जॉन गुरडोन के विषय में उनके शिक्षक ने बड़ी निराशाजनक बात कही थी।
लंदन: क्या आप कभी इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि किसी स्टूडेंट को उसके टीचर ने यह कह दिया हो कि उसे पढ़ाना समय की बर्बादी है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बाद में वो ही स्टूडेंट विश्व के सबसे बड़े पुरस्कार नोबेल को जीतता है। जी हां, नोबेल के इंस्टाग्राम पेज पर इस मामले में एक दिलचस्प जानकारी साझा की गई है।
नोबेल के इंस्टा पेज पर बताया गया है कि साल 2012 में फिजियोलॉजी मेडिसिन के लिए शिन्या यामानाका के साथ संयुक्त रूप से नोबेल जीतने वाले जॉन गुरडोन के विषय में उनके शिक्षक ने बड़ी निराशाजनक बात कही थी।
नोबेल संगठन की ओर से साझा की गई उनकी रिपोर्ट कार्ड में बताया गया है कि कैसे एक बार गुरडोन के एक शिक्षक ने कहा था कि वह "काम को अपने तरीके से करने पर ज्यादा बल देते हैं" और उन्हें पढ़ाना "समय की बर्बादी होगी।"
सोचिए क्या इसे जानने के बाद आप उम्मीद कर सकते हैं कि जिस जॉन गुरडन का पढ़ाई में ऐसा रिकॉर्ड रहा हो उन्होंने आगे चलकर नोबेल पुरस्कार अपने नाम किया। अपने शिक्षक की इस नकारात्म राय के बाद गुरडोन साल 1962 में एक शानदार प्रयोग करते हुए कामयाब हुए।
उन्होंने मेढक के आंतों से अपरिपक्व अंडे के नाभिक कोशिका को बदलने में कामयाबी पायी थी। इसके साथ ही मेढक के परिपक्व कोशिका के डीएनए में सभी कोशिकाओं को विकसित करने के लिए आवश्यक जानकारी दी थी।
जॉन ने अपने शोध में बताया कि परिपक्व कोशिकाओं को प्लुरिपोटेंट बनने के लिए पुन: प्रोग्राम किया जा सकता है। इस विशिष्ठ उपलब्धि के लिए उन्हें साल 2012 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।