तालिबान ने कट्टर इस्लामिक विचार पर लगाया ठप्पा, लड़कियों के लिए नहीं खोलेगा स्कूल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 23, 2022 06:01 PM2022-03-23T18:01:47+5:302022-03-23T18:07:56+5:30
अफगानिस्तान में तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा को इसलिए प्रतिबंधित किया है क्योंकि कट्टरपंथी तालिबान आंदोलन की रीढ़ माने जाने वाले अफगानिस्तान के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के खिलाफ हैं।
काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने बुधवार को ऐलान किया है कि वो कक्षा छठी से ऊपर की लड़कियों के लिए स्कूल नहीं खोलेंगे। जबकि पूर्व में तालिबान ने कहा था कि वो लड़कियों की शिक्षा के लिए भी स्कूलों को खोलने पर विचार कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि कट्टर इस्लामिक विचारकों तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगाने का फैसला किया है।
तालिबान ने छात्राओं के लिए स्कूलों के दरवाजे बंद रखने का आदेश उस वक्त दिया है, जब अफगानिस्तान में स्कूलों के नये सेशन की शुरूआत होने वाली है। वहीं तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर सत्ता के कब्जे के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनसे अफगानी लड़कियों के लिए स्कूलों को खोलने और महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर काम करने की आजादी देने की लगातार मांग कर रहा है।
तालिबान के शिक्षा मंत्रालय द्वारा द्वारा इस सप्ताह एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 23 मार्च से केवल “छात्रों” को स्कूल में आने की इजाजत होगी। वहीं इस फैसले के साथ स्पष्ट हो गया है कि तालिबानी शासन ने अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर लगी पाबंदी में कोई छूट नहीं दी है।
खबरों के मुताबिक तालिबान ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि कट्टरपंथी तालिबान आंदोलन की रीढ़ माने जाने वाले अफगानिस्तान के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के खिलाफ हैं।
मालूम हो कि अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा हिंसक तख्तापटल के बाद अफगानिस्तान में सरकार को अपदस्थ कर दिया गया था और उसके बाद से ही देश के अधिकांश हिस्सों में लड़कियों को कक्षा 6 से आगे के स्कूल में पढ़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
इस मामले में एक तालिबानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, “कल देर रात हमें अपने अपने हाईकमान से सूचना मिली कि अफगानिस्तान में लड़कियों के लिए स्कूल बंद रहेंगे। लेकिन इसके साथ हम यह भही कह रहे हैं कि ऐसा नहीं है कि लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा हमेशा के लिए बंद कर दी गई है।"
पिछले साल जब तालिबान ने सत्ता संभाली थी, तब कोविड महामारी के कारण सभी स्कूल पहले से ही बंद थे, लेकिन दो महीने बाद केवल लड़कों और कुछ छोटी लड़कियों को ही कक्षाएं फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी।
वहीं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने तालिबानी शासित अफगानिस्तान में सभी के लिए शिक्षा का अधिकार पर बल दिया है। विश्व के कई देशों का कहना है कि तालिबानी शासन की सहायता और मान्यता पर लड़कियों की शिक्षा के लिए बातचीत की जाएगी और उसके लिए कई देशों और संगठनों ने शिक्षकों को भेजने की भी पेशकश की है।