अफगानिस्तान: गुरुद्वारे पर आत्मघाती हमला, 25 श्रद्धालुओं की मौत, ISIS ने ली जिम्मेदारी

By भाषा | Published: March 26, 2020 05:55 AM2020-03-26T05:55:48+5:302020-03-26T05:55:48+5:30

आतंकवादी समूह आईएसआईएस ने इस नवीनतम हमले की जिम्मेदारी ली जिसने पूर्व में भी अफगानिस्तान में सिखों को निशाना बनाया है। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि समूह ने एक बयान जारी करके इसकी पुष्टि की है कि उसके आतंकवादियों ने काबुल शहर में सिखों पर हमले को अंजाम दिया।

Suicide attack on gurdwara in Afghanistan, 25 devotees killed, ISIS takes responsibility | अफगानिस्तान: गुरुद्वारे पर आत्मघाती हमला, 25 श्रद्धालुओं की मौत, ISIS ने ली जिम्मेदारी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsअफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बीचोंबीच स्थित एक गुरुद्वारे पर भारी हथियारों से लैस एक आत्मघाती हमलावर ने बुधवार को हमला कर दिया जिसमें कम से कम 25 व्यक्तियों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए।यह हमला इस अशांत देश में अल्पसंख्यकों पर अब तक हुए सबसे घातक हमलों में से एक है।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बीचोंबीच स्थित एक गुरुद्वारे पर भारी हथियारों से लैस एक आत्मघाती हमलावर ने बुधवार को हमला कर दिया जिसमें कम से कम 25 व्यक्तियों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। यह हमला इस अशांत देश में अल्पसंख्यकों पर अब तक हुए सबसे घातक हमलों में से एक है। अफगानिस्तान में पूर्व में सिखों को निशाना बनाने वाले आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने शोर बाजार इलाके स्थित गुरुद्वारे पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। गुरुद्वारे पर यह हमला सुबह करीब 07:45 बजे (स्थानीय समयानुसार) हुआ जब गुरुद्वारे के भीतर करीब 150 श्रद्धालु थे।

गृह मंत्रालय ने एक बंदूकधारी द्वारा किये गए हमले पर किये गए एक ट्वीट में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से 25 नागरिक मारे गए और आठ अन्य घायल हो गए।’’ इस बंदूकधारी को अफगान बलों ने मार गिराया। उसने कहा कि सुरक्षा बलों ने गुरुद्वारे में फंसे 80 लोगों को बाहर निकाला। इससे पहले अफगान मीडिया ने खबर दी थी कि हमला करीब छह घंटे तक चला और इसे चार आतंकवादियों ने अंजाम दिया।

आतंकवादी समूह आईएसआईएस ने इस नवीनतम हमले की जिम्मेदारी ली जिसने पूर्व में भी अफगानिस्तान में सिखों को निशाना बनाया है। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि समूह ने एक बयान जारी करके इसकी पुष्टि की है कि उसके आतंकवादियों ने काबुल शहर में सिखों पर हमले को अंजाम दिया। टोलो न्यूज ने अफगान सरकार के सूत्रों के हवाले से हक्कानी नेटवर्क को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान आधारित हक्कानी समूह ने अफगानिस्तान में कई भीषण हमले किये हैं। इससे पहले देश के मुख्य आतंकवादी समूह तालिबान ने गुरुद्वारे पर हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया था।

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि आतंकवादी समूह का काबुल के शोर बाजार इलाके में हमले से कोई संबंध नहीं है। विस्फोट स्थल की तस्वीरों में सुरक्षा बलों को घायल लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाते दिखाया गया। कुछ अफगान मीडिया इकाइयों ने कुछ वीडियो साझा किये जिसमें पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को शहर के एक अस्पताल के बाहर नम आंखों के साथ इंतजार करते दिखाया गया। काबुल में पुलिस ने कहा कि गुरुद्वारे से कम से कम 11 बच्चों को बचाया गया। सिख जनप्रतिनिधि नरेंद्र सिंह खालसा ने संवाददाताओं से कहा कि जब यह हमला हुआ तब गुरुद्वारे के अंदर करीब 150 लोग थे।

अफगानिस्तान में सिख समुदाय के एकमात्र जनप्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें गुरुद्वारे के अंदर से एक श्रद्धालु का फोन आया था जिसने उन्हें हमले की सूचना दी। सरकारी समाचार एजेंसी बख्तर ने खालसा के हवाले से कहा, ‘‘मैं मदद करने के लिए दौड़ा। हमले के समय गुरुद्वारे के अंदर लगभग 150 श्रद्धालु थे।’’ गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियन ने कहा, "अफगान बलों ने काबुल के पीडी 1 में सिख उपासना क्षेत्र की पहली मंजिल को नियंत्रण में ले लिया है। कई लोगों को बचाया गया है, जो इमारत के अंदर फंसे थे।’’

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने गुरुद्वारे पर हमले की निंदा की। टोलो न्यूज ने गनी के हवाले से कहा, ‘‘धार्मिक स्थलों पर हमला दुश्मन की कमजोरी दिखाता है। धार्मिक स्थल हमलों और हिंसा के निशाने पर नहीं होने चाहिए।’’ राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने काबुल के एक उपासना स्थल पर हमले को एक और कायर आतंकवादी हमला बताया। उन्होंने कहा कि अफगान सरकार धर्मशाला सिख गुरुद्वारे पर आज के संवेदनहीन हमले की कड़ी निंदा करती है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इस जघन्य हमले के पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना जताते हैं।’’ अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सिख उपासना स्थल पर किये गए इस हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। इस बीच, नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले पर गहरा दुख प्रकट करते हुए इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।

वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने भी काबुल में गुरुद्वारे पर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप के बीच अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक उपासना स्थल पर ऐसा कायराना हमला, इन हमलावरों एवं उनका समर्थन करने वालों की शैतानी मानसिकता को दर्शाता है । मंत्रालय ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा, ‘‘भारत इस घड़ी में अफगानिस्तान में प्रभावित हिन्दू एवं सिख समुदाय के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने को तत्पर है। हम इस हमले में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’

मंत्रालय ने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों एवं देश की सुरक्षा और इस हमले का जवाब देने के लिये अफगानिस्तान के बहादुर सुरक्षा बलों के पराक्रम, उनके साहस और समर्पण की सराहना करते हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत, अफगानिस्तान में शांति एवं सुरक्षा का वातावरण बहाल करने के प्रयासों में वहां के लोगों, सरकार और सुरक्षा बलों के साथ खड़ा है । ’’

युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में वर्तमान में एक राजनीतिक गतिरोध है क्योंकि दो नेताओं अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के अपने अपने दावे किये हैं। अमेरिका इस राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने की कोशिश कर रहा है जो वहां से अपने सैनिकों को निकालना चाहता है और तालिबान के साथ हुए हस्ताक्षरित ऐतिहासिक समझौते को बचाना चाहता है। यह हमला अमेरिका द्वारा यह कहने के बाद आया है कि वह नेताओं के बीच समझौते पर नहीं पहुंच पाने को लेकर निराशा के मद्देनजर देश को दी जाने वाली राशि में कटौती करेगा।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने राष्ट्रपति गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए मंगलवार को काबुल की यात्रा की। अब्दुल्ला भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के बाद खुद के राष्ट्रपति होने का दावा करते हैं। अफगानिस्तान में सिख इससे पहले भी इस्लामी आतंकवादियों के हमलों का निशाना बन चुके हैं। जुलाई 2018 में आईएसआईएस के आतंकवादियों ने पूर्वी शहर जलालाबाद में सिख और हिंदुओं के समूह पर हमला किया था जिसमें 19 लोग मारे गए थे और 20 अन्य घायल हो गए थे। हमले में मारे गए लोगों में अवतार सिंह खालसा भी शामिल थे जो अफगानिस्तान के सबसे प्रसिद्ध सिख राजनेताओं में से एक थे। 

Web Title: Suicide attack on gurdwara in Afghanistan, 25 devotees killed, ISIS takes responsibility

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