बीच में ही पढ़ाई छोड़कर यूक्रेन से भारत आए छात्रों को मिली बड़ी राहत, रूस में अब कर सकते है बाकी की स्टडी

By आजाद खान | Published: November 11, 2022 11:19 AM2022-11-11T11:19:14+5:302022-11-11T11:42:33+5:30

रूस के महावाणिज्य दूत ओलेग अवदीव के अनुसार, दोनों देशों के मेडिकल की पढ़ाई एक जैसी है, ऐसे में भारतीय छात्रों को कोर्स को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी। यही नहीं यूक्रेन में भी रूसी भाषा बोली जाती है, ऐसे में भारतीय छात्र इससे भी अच्छे तरीके से परिचित होंगे।

Students came India from Ukraine leaving studies middle now do rest study Russia Oleg Avdeev | बीच में ही पढ़ाई छोड़कर यूक्रेन से भारत आए छात्रों को मिली बड़ी राहत, रूस में अब कर सकते है बाकी की स्टडी

फोटो सोर्स: ANI

Highlightsरूस-यूक्रेन जंग के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़कर आने वाले भारतीयों की बड़ी राहत मिली है। रूस ने इन छात्रों को बाकी की पढ़ाई रूस में करने का ऑफर दिया है। इस बात की जानकारी रूस के महावाणिज्य दूत ओलेग अवदीव ने दी है।

चेन्नई: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीयों छात्र अब अपनी बाकी की पढ़ाई रूस में कर सकते है। इस बात की जानकारी चेन्नई में आए रूस के महावाणिज्य दूत ओलेग अवदीव ने दी है। ऐसे में उन छात्रों के लिए यह एक अच्छी खबर जो युद्ध के चलते बीच में ही अपनी पढ़ाई को छोड़ कर भारत वापस आ गए थे। 

आपको बता दें कि  रूस-यूक्रेन जंग के शुरु होने के कारण फरवरी 2022 के आखिर से ही कई छात्रों को भारत वापस आना पड़ा था। ऐसे में वे यहां आकर भी अपनी पढ़ाई को पूरी नहीं कर पाए थे। 

रूस के महावाणिज्य दूत ने क्या कहा 

मामले में बोलते हुए रूस के महावाणिज्य दूत ने कहा कि जो छात्र यूक्रेन जाकर पढ़ाई कर रहे थे, वे अब अपनी बाकी की पढ़ाई रूस आकर कर सकते है। ओलेग अवदीव ने आगे कहा कि वे ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि यूक्रेन और रूस में मेडिकल के कोर्स एक जैसे है। 

यही नहीं भारतीय छात्र रूसी भाषा को भी अच्छी तरह से समझ सकेंगे क्योंकि जब वे यूक्रेन में पढ़ते थे तब वहां भी बहुत से लोग रूसी भाषा बोलते थे और उन्हें ऐसा माहौल मिलता था। उन्होंने यह भी कहा कि हर साल भारी तादात में भारतीय छात्र रूस पढ़ाई के लिए जाते है। ऐसे में वे वहां स्कॉलरशिप के लिए भी अप्लाई करते है। 

जंग के चलते हजारों छात्रों की हुई है पढ़ाई खराब

जानकारी के अनुसार, जब रूस और यूक्रेन का जंग छिड़ा था तब कुल 90 फ्लाइट्स की मदद से 22 हजार 500 भारतीयों को भारत वापस लाया गया था। ऐसे में यह बताया जा रहा है कि इन लोगों में सबसे ज्यादा वे लोग थे जो यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गए थे। 

पिछले नौ महीने से इन लोगों की पढ़ाई तो खराब हो ही रही है, ये लोग कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे है। ऐसे में रूस द्वारा दिया गया ऑफर इनके लिए एक खुश खबरी के समान हो सकता है। 

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