गिरिजाघरों में प्रिंस फिलिप को याद करते हुए विशेष प्रार्थना की गईं

By भाषा | Published: April 11, 2021 07:27 PM2021-04-11T19:27:42+5:302021-04-11T19:27:42+5:30

Special prayers were offered in the churches remembering Prince Philip | गिरिजाघरों में प्रिंस फिलिप को याद करते हुए विशेष प्रार्थना की गईं

गिरिजाघरों में प्रिंस फिलिप को याद करते हुए विशेष प्रार्थना की गईं

लंदन, 11 अप्रैल (एपी) ब्रिटेन में गिरजाघरों ने राजकुमार फिलिप की याद में रविवार को प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया। इस दौरान उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर याद किया गया जिसमें कई धर्मों की झलक दिखती थी और उनके व्यक्तित्व की बाहरी कठोरता के अंदर गहरा विश्वास और अन्य धर्मों के बारे में जानने की जिज्ञासा छिपी थी।

कैंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने दक्षिण पूर्वी इंग्लैंड में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति फिलिप के लिए कैंटरबरी कैथेड्रल में प्रार्थना सभा की अगुवाई की। राजकुमार फिलिप का शुक्रवार को 99 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उन्हें ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग के तौर पर भी जाना जाता है।

विंडसर कैसल में शनिवार को होने वाले प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार के कार्यक्रम की कमान भी वेल्बी के हाथों में ही होगी।

फिलिप के अंतिम संस्कार के कार्यक्रमों का भी की अगुवाई करेंगे।

लंदन के वेस्टमिंस्टर एबी में 1947 में फिलिप ने तत्कालीन राजकुमारी एलिज़ाबेथ से शादी की थी, यहां वेस्टमिंस्टर के डीन डेविड होले ने पूर्व नौसेना अधिकारी को “सेवा की भावना से भरे” व्यक्ति के तौर पर याद किया।

ज्यादातर लोगों ने फिलिप को महारानी के साथ या क्रिसमिस पर शाही परिवार के साथ गिरजाघर में आते जाते देखा होगा। लेकिन उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि और दिलचस्पी उनकी पारंपरिक भूमिका से काफी अलग थी।

उनका जन्म यूनानी शाही परिवार में यूनान और डेनमार्क के राजकुमार के तौर पर हुआ था। वह ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च के सदस्य थे। जब फिलिप युवा थे तब उनके पिता को निर्वासित कर दिया गया था और उनके परिवार को यूनान छोड़ना पड़ा था। वह एलिज़ाबेथ से शादी करने के बाद ‘एंग्लिकन’ (चर्च ऑफ इंग्लैंड के सदस्य बन गए थे) । एलिज़ाबेथ महारानी के तौर पर ‘चर्च ऑफ इंग्लैंड’ की सर्वोच्च गवर्नर हैं।

1960 के दशक में फिलिप ने शाही परिवार के विंडसर कैसल में सेंट जॉर्जस हाउस की स्थापना करने में मदद की थी। यह एक धार्मिक अध्ययन केंद्र है जहां फिलिप पादरियों, शिक्षाविदों, कारोबारी नेताओं तथा राजनेताओं के साथ दुनिया की स्थिति पर चर्चा करने में शामिल होते थे।

फिलिप पर्यावरण संरक्षण के समर्थक रहे और ‘फंड फॉर नेचर’ के संरक्षक भी रहे।

यूंगाडा में जन्मे यॉर्क के पूर्व आर्कबिशप जॉन सेंटमू कहते हैं कि जो फिलिप को कट्टर समझते हैं वे गलत हैं।

उन्होंने बीबीसी से कहा कि कोई उन्हें चुनौती दे तो, फिर वो उसके साथ शानदार चर्चा करते थे।

प्रतिष्ठित ब्रिटिश सिख नेता इंदरजीत सिंह ने कहा कि फिलिप को सिख धर्म का काफी ज्ञान था और उन्होंने अलग-अलग धार्मिक समुदायों के बीच समझ और सद्भावना में योगदान दिया।

सिंह ने कहा, “उन्होंने उसे पहचाना जो हम सभी को पहचानना चाहिए .... हम सब में एक सामान्य मानवता है।

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Web Title: Special prayers were offered in the churches remembering Prince Philip

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