'लड़कियां किताबें खोलें और अपनी पैर बंद रखें', दक्षिण अफ्रीका की मंत्री के स्कूली लड़कियों पर दिए बयान पर विवाद
By विनीत कुमार | Published: January 14, 2022 04:29 PM2022-01-14T16:29:51+5:302022-01-16T07:15:09+5:30
दक्षिण अफ्रीका के एक प्रांत की मंत्री अपने बयान से विवादों मे आ गई हैं। उन्होंने एक स्कूल के दौरे के दौरान स्कूली लड़कियों से कहा कि वे अपनी किताबें खोलें और टांगें बंद रखें।
दक्षिण अफ्रीका के लिम्पोपो प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री पोफी रामाथुबा एक स्कूल के दौरान दिए अपने बयान को लेकर विवादो में आ गई हैं। उन्होंने स्कूल के दौरे के दौरान नसीहत दी कि लड़कियों को अपनी किताबें खोलनी चाहिए और पैर बंद रखनी चाहिए।
रामाथुबा के इस बयान की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है। यूजर्स पूछ रहे हैं कि ऐसा बयान केवल लड़कियों को लेकर क्यों दिया गया। हालांकि सवाल उठने पर रामाथुबा ने अपना बचाव करते हुए कहा कि ये बात लड़कों के लिए भी है।
रामाथुबा बुधवार को नए शैक्षणिक वर्ष के पहले दिन सेकगाकगापेंग के ग्वेनेन माध्यमिक स्कूल में पहुंची थी। उनके दौरे का एक लक्ष्य किशोर उम्र में बढ़ रही प्रेग्नेंसी रेट को कम करने के लिए संदेश देना भी था।
दक्षिण अफ्रीकी मंत्री का विवादित बयान
रामाथुबा ने कहा, 'मैं छात्राओं से कहती हूं, अपनी किताबें खोलो, और अपनी टांगें बंद रखो। अपनी टांगें मत खोलो, अपनी किताबें खोलो। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।' उन्होंने आगे कहा कि लड़कियों को अधिक उम्र के लोगों द्वारा स्मार्टफोन और अन्य चीजों का लालच दिया जाता है।
रामाथुबा के भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए जाने के बाद विवाद शुरू हो गया। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, 'बच्चों से दुर्व्यवहार, सेक्स और सहमति के बारे में बात करने का यह उचित तरीका नहीं है।'
विपक्षी नेता सिविवे ग्वारुबे ने रामाथुबे की टिप्पणी को 'गहरे तौर पर समस्याग्रस्त' कहा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'यह सहमति के बारे में इन स्टूडेंट के साथ सार्थक बातचीत करने का अवसर था...इसके बजाय आप दोष देने लगते हैं। लड़कियों पर अनुचित दबाव नहीं डालें।'
रामाथुबे ने दी सफाई
वहीं, विवाद के बाद रामाथुबा ने दक्षिण अफ्रीकी समाचार साइट TimesLIVE को बताया कि उनके बयान को संदर्भ से बाहर कर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लड़कों को लेकर भी उन्होंने नसीहत दी थी।
उन्होंने कहा, 'मैंने लड़कों से कहा कि वे अपनी शिक्षा पर ध्यान दें और लड़कियों के साथ न सोएं।' उन्होंने कहा कि लिम्पोपो में उनके संदेश की सराहना की जा रही है। रामाथुबे ने कहा, 'वे यहां तक कह रहे थे कि वे इन बातों को कहने से डरते थे।'
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2020 में 17 साल से कम उम्र की लगभग 33,400 लड़कियां मां बनी।