काबुल ड्रोन हमले के मारे गए नागरिकों के परिवार ने कहा - माफी मांगना काफी नहीं, परिवार ने सजा की मांग की
By दीप्ती कुमारी | Published: September 19, 2021 09:46 AM2021-09-19T09:46:31+5:302021-09-19T09:47:57+5:30
अमेरिका द्वारा काबुल में किए गए हवाई हमले में आतंकवादियों की जगह आम नागरिकों को मौत हो गई थी । इसके लिए अमेरिकी सैन्य कमांडर ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी और हालांकि मृतकों के परिवार ने सजा की मांग की है ।
काबुल : काबुल में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में अफगानिस्तान के 10 मासूम नागरिक मारे गए । इसपर लोगों ने कहा कि मारे गए लोगों के लिए सिर्फ माफी मांगना काफी नहीं है । इस हमले में सात बच्चे सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी ।
3 साल की मलिका की भी 29 अगस्त को इस हमले में मौत हो गई । उसके पिता एमल अहमदी के बड़े भाई को जब ड्रोन से टक्कर लगी थी तब मलिका की मौत हो गई थी । जिनकी 3 साल की बेटी मलिका की 29 अगस्त को मौत हो गई थी । शनिवार को एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए परिवार ने वाशिंगटन से हमले की जांच की मांग की है और ड्रोन किसने दागा और सैन्य कर्मियों को दंडित करने की बात भी कही है । अहमदी ने कहा, "हमारे लिए सॉरी कहना काफी नहीं है।" "संयुक्त राज्य अमेरिका को उस व्यक्ति को ढूंढना चाहिए जिसने ऐसा किया ।"
अहमदी ने कहा कि परिवार अपने नुकसान के लिए वित्तीय मुआवजे की भी मांग कर रहा है और मांग की कि परिवार के अन्य सदस्यों को बिना किसी परेशानी के दूसरे देश भेजा जाए ।
काबुल में एपी और अन्य समाचार संगठनों ने ड्रोन हमले के बाद बताया कि लक्षित वाहन का चालक, जेमेराई अहमदी जो एक अमेरिकी मानवीय संगठन में लंबे समय से कर्मचारी था और पेंटागन के इस दावे का समर्थन करने के लिए सबूतों की अनुपस्थिति का हवाला दिया कि वाहन में विस्फोटक थे ।जब कार परिवार के रास्ते में जा रही थी तब मिसाइल टकरा गई और उस समय बच्चे ज़मेराई को बधाई देने के लिए कार के पास आ रहे थे ।
शुक्रवार को, यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख यूएस मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने स्ट्राइक को एक "दुखद गलती" कहा और हफ्तों की जांच के बाद कहा कि हमले में निर्दोष नागरिक वास्तव में मारे गए थे, न कि इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी ।
दरअसल काबुल हवाई हमले में 168 अफगानी के साथ-साथ 13 अमेरिकी सैन्यकर्मी भी मारे गए थे । अफगानिस्तान से वापसी के दौरान अमेरिकी सैनिकों की मौत का बदला लेने के लिए ये ड्रोन हमला इस्लामिक स्टेट के समूह पर किया गया था लेकिन इस हमले की जांच के दौरान ये बातें सामने आई कि इसमें 10 मासूम नागरिकों की मौत हो गई है । अमेरिका के सैन्य कमांडर ने इस बात पर दुख भी व्यक्त किया था लेकिन पीड़ितो के परिवार वाले इंसाफ चाहते हैं ।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद से ही हालात तेजी से बदल रहे हैं । महिलाओं और बच्चों के लिए स्थिति ज्यादा दयनीय हो गई है । अफगानिस्तान में महिला अधिकार को लेकर एक अलग ही बहस छिड़ी है ।