Shanghai Cooperation Organisation: चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मिले जयशंकर, लद्दाख सीमा पर चर्चा, घुसपैठ पर बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 10, 2020 10:14 PM2020-09-10T22:14:23+5:302020-09-10T22:14:23+5:30

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के आमने सामने आने की ताजा घटना के कारण पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ गया है। यह पूछे जाने पर कि बैठक में क्या जयशंकर चार महीने से जारी तनातनी का मुद्दा उठायेंगे, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ इस मुद्दे पर चर्चा होगी। ’’

Shanghai Cooperation Organization Jaishankar meets Chinese Foreign Minister Wang Yi discusses Ladakh border talks on infiltration | Shanghai Cooperation Organisation: चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मिले जयशंकर, लद्दाख सीमा पर चर्चा, घुसपैठ पर बात

भारतीय क्षेत्र में घुसने की चीन की कोशिश यहीं नहीं रुकी। इसके बाद तीन दिन तक लगातार चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की।

Highlightsपूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के दक्षिणी तट के पास भारतीय पोस्ट के करीब आने का प्रयास किया और हवा में गोलियां चलाई।वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 वर्षो के अंतराल के बाद गोली चलाये जाने की यह पहली घटना है।जयशंकर और वांग यी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शाामिल होने के लिए मास्को में है।

मास्कोःचीन के विदेश मंत्री वांग यी से एस जयशंकर की मुलाकात हुई। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर हो रही है। दोनों देश में तनाव कई महीनों से जारी है। हाल ही में चीन के रक्षा मंत्री से राजनाथ सिंह भी मिले थे।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने बृहस्पतिवार को मास्को में चार महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जारी गतिरोध और बढ़ते तनाव को लेकर बातचीत की। पिछले एक सप्ताह से भी कम वक्त में दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है।

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी

मई की शुरुआत में वस्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प के कारण वहां गहरे हुए गतिरोध और बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में यह बातचीत हो रही है। इससे पहले जयशंकर और वांग के बीच फोन पर 17 जून को बात हुई थी। उसके दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों की मृत्यु हो गयी थी।

आशा की जा रही है कि बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को कम करने पर बातचीत हुई होगी। लेकिन दोनों के बीच बातचीत का परिणाम अभी सामने नहीं आया है। जयशंकर और वांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए मास्को में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शाम में डिजिटल मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, "विदेश मंत्री जल्द ही चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे जहां वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।’’ उनसे सवाल किया गया था कि क्या मुलाकात में जयशंकर चार महीने से चल रहे सीमा गतिरोध का मुद्दा उठायेंगे। श्रीवास्तव ने भारत की स्थिति को दोहराया कि वह मौजूदा स्थिति का शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए हल के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, "भारत और चीन दोनों ही स्थिति को सुलझाने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं। यह सहमति तब बनी जब दोनों रक्षा मंत्री मिले थे।" इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले शुक्रवार को मास्को में एक अन्य एससीओ बैठक से इतर अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगहे के साथ बातचीत की थी। लेकिन बैठक में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।

भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा था कि चीनी सेना ने एक दिन पहले शाम में पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट पर स्थित एक भारतीय चौकी की ओर बढ़ने का प्रयास किया और हवा में गोलियां चलाईं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल के अंतराल में गोली चलने की यह पहली घटना थी। भारतीय सेना का बयान चीनी सेना के उस आरोप के बाद आया था जिसमें कहा गया था भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पैंगोंग झील के पास ‘‘गोलीबारी की।’’ भारतीय सेना ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

राजनाथ ने चीनी समकक्ष से कहा था, एलएसी पर यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश न करें

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगी को स्पष्ट संदेश दिया था कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का कड़ाई से सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश न करे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में एलएससी पर पैदा हुए तनाव के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बैठक में रक्षा मंत्री ने यह संदेश दिया। राजनाथ और वेई के बीच यह बैठक शुक्रवार शाम शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की रक्षा मंत्री स्तर की बैठक से इतर मॉस्को में हुई और यह करीब दो घंटे 20 मिनट तक चली थी। अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को जिम्मेदारी से सुलझाने की जरूरत है और दोनों पक्षों की ओर से आगे कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे मामला जटिल हो और सीमा पर तनाव बढ़े।

Web Title: Shanghai Cooperation Organization Jaishankar meets Chinese Foreign Minister Wang Yi discusses Ladakh border talks on infiltration

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