रूस ने चीन-अमेरिका विवाद पर कहा, 'अमेरिका नैन्सी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा से क्षेत्रीय 'अस्थिरता' पैदा करना चाहता है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 2, 2022 09:11 PM2022-08-02T21:11:39+5:302022-08-02T21:17:14+5:30
रूस ने नैन्सी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा के संबंध में अमेरिका पर जबदस्त हमला करते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा से अस्थिर माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहा है।
मास्को: ताइवान को लेकर अमेरिका-चीन के बीच उत्पन्न हुई युद्ध जैसी स्थिति के विषय में रूस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका नैन्सी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा से दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा करना चाहता है।
इस संबंध में रूसी के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को चीन का साथ देते हुए अमेरिका पर जबदस्त हमला करते हुए आरोप लगाया कि वाशिंगटन अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की संभावित ताइवान यात्रा से अस्थिर माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहा है, जिसके कारण चीन में भारी फैला है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "वाशिंगटन पूरी कोशिश कर रहा है कि पूरी दुनिया में अस्थिर वातावरण फैल जाए। उसने हाल के दशकों में एक भी संघर्ष को सुलझाया नहीं है, बल्कि वो सिर्फ विवादों को जन्म देने का काम करता है।"
यूक्रेन के साथ लंबे युद्ध में फंसे रूस ने अमेरिकी प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वो ताइवान के मुद्दे पर चीन के दर्ज किये गये प्रतिरोध के साथ है। ताइवान का मसला चीन का आंतरिक मामला है और इसमें अमेरिका को किसी भी सूरत में दखल नहीं देना चाहिए। इससे तनाव पैदा होगा और क्षेत्रीय असुरक्षा की भावना भी पैदा होगी।
यूक्रेन हमले के कारण इस समय अमेरिका का कट्टर प्रतिरोधी बना हुआ रूस ने अपने सैन्य अभियान पर अभूतपूर्व प्रतिबंधों और अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना करते हुए चीन के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को दोहराया है और कहा है कि वो ताइवान के मसले पर पूरी तरह से बीजिंग के साथ है।
मालूम हो कि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है, जबकि ताइवान आरोप लगाता है कि चीन ने उसकी संप्रभुता पर जबदस्ती कब्जा कर रखा है। चूंकि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने अपनी संभावित ताइवान यात्रा के विषय में अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा है, इसलिए चीन अमेरिका को बार-बार चेतावनी दे रहा है कि अगर पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की तो यह दोनों मुल्कों के लिए अच्छा नहीं होगा।