Quad Ministerial Meeting: चीन की बढ़ती शक्ति, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने की मंत्रिस्तरीय बैठक

By सतीश कुमार सिंह | Published: October 6, 2020 03:19 PM2020-10-06T15:19:12+5:302020-10-06T16:32:11+5:30

जयशंकर ने क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा कि हमारे देशों ने खुले और समावेशी भारत-प्रशांत को कायम रखने के महत्व पर सामूहिक रूप से प्रतिबद्धता जतायी है। हम नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसे कानून के शासन, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन का समर्थन हासिल हो।

Quad Ministerial Meeting S Jaishankar Japan, the United States, Australia and India in Tokyo | Quad Ministerial Meeting: चीन की बढ़ती शक्ति, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने की मंत्रिस्तरीय बैठक

‘क्वाड’ में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। (photo-ani)

Highlightsक्वाड समूह के देशों (जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए।  विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और उनके जापानी समकक्ष तोशीमित्सु मोटेगी ने कहा कि वे “मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत” की क्षेत्रीय पहल का नेतृत्व करेंगे।ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पैने और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

तोक्योः विदेश मंत्री एस. जयशंकर टोक्यो में क्वाड समूह के देशों (जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। 

एस जयशंकर ने क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा कि हमारे देशों ने खुले और समावेशी भारत-प्रशांत को कायम रखने के महत्व पर सामूहिक रूप से प्रतिबद्धता जतायी है। हम नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसे कानून के शासन, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन का समर्थन हासिल हो।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और उनके जापानी समकक्ष तोशीमित्सु मोटेगी ने कहा कि वे “मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत” की क्षेत्रीय पहल का नेतृत्व करेंगे जिसका मकसद चीन की बढ़ती आक्रामकता पर लगाम लगाना है और यह ऑस्ट्रेलिया और भारत के विदेश मंत्रियों के साथ होने वाली बैठक का मुख्य मुद्दा होगा।

जापान के नए प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने मंगलवार को अमेरिका और अन्य राजनयिकों के साथ एक मुलाकात में कहा कि चीन की बढ़ती हठधर्मिता को रोकने के लिये उनकी पहल “मुक्त और खुला हिंद-प्रशांत” (एफओआईपी), कोरोना वायरस महामारी से उपजी चुनौतियों के बीच अब पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

पहली बार तोक्यों में आमने-सामने की वार्ता के लिए एकत्र हो रहे

क्वाड समूह- अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया - के तौर पर प्रख्यात हिंद-प्रशांत राष्ट्रों के विदेश मंत्री कोरोना वायरस महामारी के बाद से पहली बार तोक्यों में आमने-सामने की वार्ता के लिए एकत्र हो रहे हैं। सुगा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय महामारी के समाधान में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और “इसलिये अब यही समय है जब हमें अपने नजरिये से इत्तेफाक रखने वाले ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ अपने समन्वय को और बढ़ाना चाहिए।”

उन्होंने 16 अप्रैल को पदभार संभाला था और अपने पूर्ववर्ती शिंजो आबे की तरह ही सुरक्षा और कूटनीतिक मामलों को लेकर उनके रुख पर कायम रहने का संकल्प व्यक्त किया था। एफओआईपी को बढ़ावा देने में आबे का अहम योगदान था जिसे सुगा “ इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता का दृष्टिकोण” करार देते हैं और इस दिशा में प्रयास जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने, भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष तोशीमित्सु मोटेगी के बीच क्वाड की विदेश मंत्री स्तरीय बैठक होनी है।

इससे पहले पोम्पिओ ने अलग-अलग अपने तीनों समकक्षों से मुलाकात की और क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर अपनी चिंता जाहिर की और साथ ही इन चिंताओं को साझा करने वाले देशों के बीच सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया।

पोम्पिओ के साथ अपने दोपहर के भोज में मोटेगी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जापान और अमेरिका मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत के लिये अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का नेतृत्व करेंगे।” उन्होंने कहा कि जापान के नए प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के नेतृत्व में जापान-अमेरिका गठजोड़ क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिये अहम बना रहेगा।

सुगा ने अपने पूर्ववर्ती शिंजे आबे के सुरक्षा और कूटनीतिक रुख को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। पोम्पिओ ने सुगा के स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की नींव बताने का भी स्वागत किया और कहा कि “मैं उनसे पूरी तरह सहमत हूं।” 

हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले देशों के आर्थिक हितों व सुरक्षा को आगे बढ़ाना

जयशंकर ने कहा कि हमारा उद्देश्य हिंद-प्रशांत में वैध और महत्वपूर्ण हितों वाले देशों के आर्थिक हितों व सुरक्षा को आगे बढ़ाना है। यह संतोष की बात है कि हिंद-प्रशांत संकल्पना को व्यापक रूप से स्वीकृति मिल रही है। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बाद ‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों की यह पहली प्रत्यक्ष मुलाकात होगी। ‘क्वाड’ में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पैने और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

‘क्वाड’ की वार्ता से पहले पोम्पिओ के साथ अपने दोपहर के भोज में मोटेगी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जापान और अमेरिका मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत के लिये अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का नेतृत्व करेंगे।” उन्होंने कहा कि जापान के नए प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के नेतृत्व में जापान-अमेरिका गठजोड़ क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिये अहम बना रहेगा।

सुगा ने अपने पूर्ववर्ती शिंजे आबे के सुरक्षा और कूटनीतिक रुख को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। पोम्पिओ ने सुगा के स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की नींव बताने का भी स्वागत किया और कहा कि “मैं उनसे पूरी तरह सहमत हूं।”

इससे पहले तोक्यो आते वक्त पोम्पिओ ने संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें चार देशों की इस मंत्रिस्तरीय बैठक में “महत्वपूर्ण उपलब्धियां” हासिल होने की उम्मीद है, हालांकि उन्होंने इस बारे में और विवरण नहीं दिया। यह वार्ता हाल में भारत और चीन के बीच सीमा पर उपजे तनाव की पृष्ठभूमि में हो रही है। ऑस्ट्रेलिया और चीन में रिश्तों में भी हाल के महीनों में खटास आई है।

इनपुट भाषा

Web Title: Quad Ministerial Meeting S Jaishankar Japan, the United States, Australia and India in Tokyo

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