नुपुर शर्मा के बयान को लेकर कतर ने भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को किया तलब, भाजपा नेता के बयान की निंदा की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2022 08:04 PM2022-06-05T20:04:53+5:302022-06-05T20:09:40+5:30
कतर के विदेश मंत्रालय ने भारतीय राजदूत को एक आधिकारिक नोट सौंपा, जिसमें नुपुर शर्मा के बयान पर निराशा और पूर्ण अस्वीकृति के साथ-साथ पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की गई है।
दोहा: बीजेपी से निलंबित नुपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद साहब पर दिए गए कथित विवादास्पद बयान की मुस्लिम वर्ल्ड में निंदा हो रही है। इस संबंध में रविवार को कतर के विदेश मामलों के मंत्रालय ने भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया। मंत्रालय ने भारतीय राजदूत को एक आधिकारिक नोट सौंपा, जिसमें नुपुर शर्मा के बयान पर निराशा और पूर्ण अस्वीकृति के साथ-साथ पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी की निंदा की गई है।
कतर के विदेश मामलों के मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, कतर इस बात पर जोर देता है कि ये अपमानजनक बयान जो धार्मिक घृणा को भड़काते हैं, विश्व स्तर पर मुसलमानों का अपमान करते हैं, और भारत सहित दुनिया के विकास और सभ्यताओं में इस्लाम द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति अज्ञानता का संकेत देते हैं।
मंत्रालय ने कहा, कतर ने सहिष्णुता, सह-अस्तित्व और सभी धर्मों और राष्ट्रीयताओं के सम्मान के मूल्यों के लिए अपने समर्थन का नवीनीकरण किया। ये मूल्य कतर की वैश्विक मित्रता और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करने में योगदान करने के लिए उसके अथक कार्य की विशेषता है।"
वहीं एक आधिकारिक बयान में, कतर में भारत के दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "राजदूत की विदेश कार्यालय में एक बैठक थी जिसमें भारत में व्यक्तियों द्वारा धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंता व्यक्त की गई थी। राजदूत ने बताया कि ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। यह फ्रिंज तत्वों के विचार हैं।
भारतीय दूतावास ने कहा, “हमारी सभ्यता की विरासत और विविधता में एकता की मजबूत सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप, भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।"
भारत ने कहा, "संबंधित तबकों द्वारा एक बयान भी जारी किया गया है जिसमें सभी धर्मों के सम्मान पर जोर दिया गया है, किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व का अपमान करने या किसी धर्म या संप्रदाय को अपमानित करने की निंदा की गई है।"