pope francis: नहीं रहे पोप फ्रांसिस?, आज सुबह 7.35 बजे यीशू के घर लौटे!
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 21, 2025 14:06 IST2025-04-21T13:55:15+5:302025-04-21T14:06:13+5:30
pope francis: ईसाई धर्म की सबसे बड़ी शाखा दुनिया के सबसे बड़े धर्म के नेता के रूप में पोप फ्रांसिस दुनिया भर में 1.4 बिलियन लोगों के आध्यात्मिक प्रमुख थे।

pope francis
वेटिकन सिटीः पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया। कार्डिनल केविन फारेल ने यह घोषणा की जो वेटिकन ‘कैमरलेंगो’ हैं। पोप फ्रांसिस का जन्म 1936 में हुआ था और 2025 में दुनिया को अलविदा कहा। पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया। कार्डिनल केविन फेरेल ने यह घोषणा की। कार्डिनल केविन फेरेल वेटिकन के कैमरलेंगो हैं। कैमरलेंगो की पदवी उन कार्डिनल या उच्चस्तरीय पादरी को दी जाती है जो पोप के निधन या उनके इस्तीफे की घोषणा के लिए अधिकृत होते हैं। फेरेल ने घोषणा की, ‘‘रोम के बिशप, पोप फ्रांसिस आज सुबह 7.35 बजे यीशु के घर लौट गए।
Pope Francis died on Easter Monday, April 21, 2025, at the age of 88 at his residence in the Vatican's Casa Santa Marta. pic.twitter.com/jUIkbplVi2
— Vatican News (@VaticanNews) April 21, 2025
Christ is risen! These words capture the entire meaning of our existence, for we were not made for death but for life. #Easterhttps://t.co/s8D2o4WCfV— Pope Francis (@Pontifex) April 20, 2025
Today, the world mourns the passing of Pope Francis.
He inspired millions, far beyond the Catholic Church, with his humility and love so pure for the less fortunate.
My thoughts are with all who feel this profound loss.
May they find solace in the idea that Pope Francis’… pic.twitter.com/FiI6SASNl8— Ursula von der Leyen (@vonderleyen) April 21, 2025
उनका पूरा जीवन यीशु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (पोप ने) हमें ईसोपदेश के मूल्यों को निष्ठा, साहस और सार्वभौमिक प्रेम के साथ जीना सिखाया, विशेष रूप से सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर पड़े लोगों के लिए।।’’ फेरेल ने कहा कि प्रभु यीशु के सच्चे शिष्य के रूप में अपार कृतज्ञता के साथ, ‘‘हम पोप फ्रांसिस की आत्मा को’’ ईश्वर के असीम, दयालु प्रेम को सौंपते हैं।
फ्रांसिस का निधन ईस्टर को 88 वर्ष की आयु में वेटिकन के कासा सांता मार्टा निवास स्थान पर हुआ। वेटिकन सिटी में 9 दिन शोक की घोषणा की गई है। रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ईसाई धर्म की सबसे बड़ी शाखा दुनिया के सबसे बड़े धर्म के नेता के रूप में पोप फ्रांसिस दुनिया भर में 1.4 बिलियन लोगों के आध्यात्मिक प्रमुख थे।
2013 में पोप बनने के बाद से उन्होंने विनम्रता, देखभाल और सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए कैथोलिक चर्च का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने 20 अप्रैल को ईस्टर संडे पर एक संक्षिप्त सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से भी संक्षिप्त मुलाकात की थी। सीबीएस के अनुसार 24 मार्च को पोप फ्रांसिस को उल्टी और साँस लेने में तकलीफ के साथ ब्रोन्कोस्पास्म का दौरा पड़ा।
अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। लेकिन उसके बाद सुधार के संकेत मिले। एक पखवाड़े से ज़्यादा समय तक अस्पताल में रहे। डबल निमोनिया से जूझ रहे थे। 14 फरवरी को उन्हें नॉन-इनवेसिव मैकेनिकल वेंटिलेशन पर रखा गया था। पोप फ्रांसिस की मृत्यु से वेटिकन में कई पवित्र श्रृंखला शुरू हो जाएगी।