POK के प्रधानमंत्री ने इमरान से कहा, अपने भाई-बहनों की रक्षा करना आपकी ड्यूटी, सेना को भारत पर हमला करने का आदेश दें
By गुणातीत ओझा | Published: May 13, 2020 10:54 AM2020-05-13T10:54:06+5:302020-05-13T15:14:50+5:30
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भारत पर हमला करने का आग्रह किया।
इस्लामाबाद।पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भारत पर हमला करने का आग्रह किया। उन्होंने इमरान खान से कहा कि पाकिस्तानी सेनाओं को भारत पर धावा बोलने का आदेश दे दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पीओके के मौसम की रिपोर्ट दे रहा है। समय आ गया है कि पाकिस्तान दिल्ली पर भी अपडेट देना शुरू कर दे। कोरोना वायरस महामारी के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) से लग गांवों का दौरा करते वक्त राजा फारूक हैदर मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगला। हैदर ने कहा कि पाक पीएम इमरान खान को अब प्रतिक्रिया देनी चाहिए और कुछ मजबूत कदम उठाने चाहिए। केवल मौखिक बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। आपको आगे बढ़ना चाहिए और भारत पर हमला करने के लिए अपनी सेनाओं को आदेश दें।
उन्होंने कहा कि अपने भाइयों और बहनों की सुरक्षा करना आपका कर्तव्य है। भारत पीओके पर मौसम के बारे में खबरें दे रहा है, हमें दिल्ली पर अपडेट देना शुरू करना चाहिए। भारतीय मौसम विभाग के पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्रों को अपने मौसम पूर्वानुमान में शामिल करने के फैसले के मद्देनजर हैदर की "मौसम अपडेट" वाली टिप्पणी आई है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत यह स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि गिलगित बाल्टिस्तान सहित सभी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का एक अविभाज्य और अभिन्न अंग है।
ऐसे शुरू हुआ पीओके के शहरों का मौसम समाचार
दूरदर्शन (डीडी) और आकाशवाणी ने बीते शुक्रवार से अपने प्राइट टाइम न्यूज बुलेटिन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित के मौसम की खबरें प्रसारित करना शुरू कर दिया है। डीडी और आकाशवाणी पर मौसम संबंधी खबरों में पीओके के मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित की खबरें शामिल होती हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि गर्मी के इस मौसम में बढ़ते तापमान के बीच राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक के रूप में दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा भारत के संपूर्ण क्षेत्र के समग्र मौसम संबंधी खबरों का प्रसारण अहम हो गया है। बयान में कहा गया है कि डीडी न्यूज रोजना अपने सुबह और शाम के न्यूज बुलेटिन में मौसम संबंधी खबरें देता है । आकाशवाणी में भी उसके प्रमुख बुलेटिनों में दिनभर की मौसम संबंधी जानकारियां होती हैं। उसमें कहा गया है, ‘‘ इन मौसम सबंधी खबरों में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और गिलगित से लेकर गुवाहाटी तक, बाल्टिस्तान से लेकर पोर्टब्लयेर तक देश के चप्पे-चप्पे की बारीकियां होती हैं और विभिन्न स्थानों के तापमान एवं अन्य मौसम संबंधी जानकारियां होती हैं।’’ मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकारी प्रसारक ने यह परिपाटी शुरू की है और निजी चैनल भी ऐसा कर सकते हैं। इससे पहले भारतीय मौसमविज्ञान विभाग ने पहले के प्रारूप से हटते हुए अपने पूर्वानुमानों में पीओके के शहरों को भी शामिल किया । यह घटनाक्रम बड़ा अहम है क्योंकि भारत ने दृढ़ता के साथ कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर उसका हे।
पाकिस्तान का पलटवार
पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर के मौसम की विस्तृत जानकारी देने की शुरुआत की। यह कदम भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मौसम का पूर्वानुमान जारी करने की शुरुआत के कुछ दिन बाद उठाया गया। सरकारी रेडियो पाकिस्तान ने रविवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और बारिश की संभावना है। इसके साथ ही श्रीनगर, पुलवामा, जम्मू और लद्दाख के अधिकतम और न्यूनतम तापमान की भी जानकारी दी गई है। रेडियो पाकिस्तान कश्मीर की खबरों को विशेष स्थान देता है और उसकी वेबसाइट जम्मू-कश्मीर की खबरों को समर्पित है। सरकारी पाकिस्तान टेलीविजन भी जम्मू-कश्मीर की खबरों को लेकर विशेष बुलेटिन प्रसारित करता है।
मानचित्र पर भी छिड़ी थी जंग
इससे पहले पाकिस्तान मानचित्र को लेकर भी भारत पर हमलावर ह ोचुका है। पाक के विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा कि पिछले साल भारत द्वारा जारी ‘राजनीतिक मानचित्र’ की तरह इस कदम की भी कोई कानूनी मान्यता नहीं है और यह वास्तविकता के विपरीत और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव का उल्लंघन है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल नवंबर में नया मानचित्र जारी किया था जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर घाटी को नवगठित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है।