PM Modi to visit Laos: जय श्री राम..., लाओस में रामायण के लाओ संस्करण की ‘मनमोहक प्रस्तुति’?, पीएम मोदी ने शेयर किया वीडियो और तस्वीर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 10, 2024 06:35 PM2024-10-10T18:35:21+5:302024-10-10T18:36:38+5:30
PM Modi to visit Laos: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाओ रामायण की मनमोहक प्रस्तुति देखी, जिसे ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ के नाम से जाना जाता है।
PM Modi to visit Laos: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को रामायण के लाओ संस्करण की ‘मनमोहक प्रस्तुति’ देखी, जो भारत और लाओस के बीच साझा विरासत एवं सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस की राजधानी में हैं। विएंतियान पहुंचने के बाद उन्होंने लाओ रामायण ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ की एक कड़ी का मंचन देखा, जिसे प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर ऑफ लुआंग प्रबांग के कलाकारों ने प्रस्तुत किया।
Vijaya Dashami is a few days away and today in Lao PDR, I saw a part of the Lao Ramayana, highlighting the victory of Prabhu Shri Ram over Ravan. It is heartening to see the people here remain in touch with the Ramayan. May the blessings of Prabhu Shri Ram always remain upon us! pic.twitter.com/BskmfMYBdm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
Some glimpses from the memorable episode of Phalak Phalam or Phra Lak Phra Ram I witnessed in Lao PDR. pic.twitter.com/0XYQATl7BE— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
Sharing my remarks at the India-ASEAN Summit.https://t.co/3HbLV8J7FE— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाओ रामायण की मनमोहक प्रस्तुति देखी, जिसे ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ के नाम से जाना जाता है। रामायण की यह अनूठी प्रस्तुति भारत और लाओ पीडीआर के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों और साझा विरासत को दर्शाती है।” ‘फ्रलकफ्रराम डॉट कॉम’ के मुताबिक, लाओ रामायण मूल भारतीय संस्करण से अलग है।
Deepening cultural connect!
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
India is proud to be working closely with Lao PDR on conserving and restoring various heritage sites including the Vat Phou complex. pic.twitter.com/31tRojoZ0n
बौद्ध समूहों के माध्यम से यह 16वीं शताब्दी के आसपास लाओस पहुंचा था। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “विजय दशमी कुछ दिन दूर है और आज लाओ पीडीआर में मैंने लाओ रामायण का एक भाग देखा, जिसमें रावण पर प्रभु श्रीराम की जीत पर प्रकाश डाला गया है। यह देखकर खुशी होती है कि यहां के लोग रामायण से जुड़े हुए हैं। प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद सदैव हम पर बना रहे!”
The welcome in Lao PDR was memorable! The Indian community is clearly very connected with their roots. Also gladdening was the local people speaking in Hindi and doing a Bihu dance! Do watch… pic.twitter.com/DqcTQmPdNK
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ की उस कड़ी की कुछ झलकियां भी साझा कीं, जो उन्होंने लाओ पीडीआर में देखी। इस मौके पर लाओ पीडीआर के गृह मंत्री, शिक्षा एवं खेल मंत्री, बैंक ऑफ लाओ पीडीआर के गवर्नर और विएंतियान के मेयर सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “साझा विरासत और परंपरा दोनों देशों को करीब ला रही है... यह प्रस्तुति भारत-लाओस के समृद्ध और साझा जुड़ाव का एक उत्कृष्ट प्रदर्शन थी।” विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लाओस में आज भी रामायण का मंचन किया जाता है और यह महाकाव्य दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है। बयान के अनुसार, लाओस में सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपरा के विभिन्न पहलुओं का पालन एवं संरक्षण किया जा रहा है।
Met respected monks and spiritual leaders in Lao PDR, who were happy to see the honour being given to Pali by the Indian people. I am grateful to them for their blessings. pic.twitter.com/Wty3EPNpIQ
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
इसमें कहा गया है कि दोनों देश अपनी साझा विरासत को रोशन करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इससे पहले, मोदी ने लाओ पीडीआर के केंद्रीय बौद्ध फेलोशिप संगठन के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के आशीर्वाद समारोह में हिस्सा लिया, जो विएंतियान में सी साकेत मंदिर के प्रतिष्ठित मठाधीश महवेथ मसेनई की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था।
मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “लाओ पीडीआर में सम्मानित भिक्षुओं और आध्यात्मिक गुरुओं से मुलाकात हुई, जो भारतीयों द्वारा पाली को दिए जा रहे सम्मान को देखकर खुश थे। मैं उनके आशीर्वाद के लिए उनका आभारी हूं।” विदेश मंत्रालय ने कहा कि साझा बौद्ध विरासत भारत और लाओस के बीच घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों के एक और पहलू का प्रतिनिधित्व करती है।
प्रधानमंत्री ने लाओस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वट फू मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और संरक्षण कार्य पर आधारित प्रदर्शनी भी देखी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस में वट फू मंदिर और संबंधित स्मारकों के जीर्णोद्धार कार्य में जुटा हुआ है। जायसवाल ने कहा, “वट फू : भारत-लाओस के बीच करीबी सभ्यतागत संबंधों और विरासत का प्रतीक है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल वट फू के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए असाधारण काम कर रहा है।” मोदी ने कहा, “लगातार गहराता सांस्कृतिक जुड़ाव! भारत को वट फू परिसर सहित विभिन्न विरासत स्थलों के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार की दिशा में लाओ पीडीआर के साथ मिलकर काम करने पर गर्व है।”