रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले पीएम मोदी- संवाद और कूटनीति ही संघर्ष के समाधान का एकमात्र रास्ता, कहा- यथास्थिति बदलने के लिए एक साथ आवाज उठाने की जरूरत
By अनिल शर्मा | Published: May 21, 2023 11:16 AM2023-05-21T11:16:27+5:302023-05-21T11:40:36+5:30
प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन के एक सत्र में कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात में भोजन, ईंधन और उर्वरक के संकट का सबसे ज्यादा असर विकासशील देशों में महसूस किया जा रहा है।
हिरोशिमाः जापा के हिरोशिमा में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रने की बीच चल रहे युद्ध का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि वह यूक्रेन में मौजूदा हालात को राजनीति या अर्थव्यवस्था का नहीं, बल्कि मानवता एवं मानवीय मूल्यों का मुद्दा मानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का हमेशा से यही मानना है कि किसी भी तनाव, किसी भी विवाद को बातचीत के जरिये शांतिपूर्वक ढंग से हल किया जाना चाहिए। यह आवश्यक है कि सभी देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एक-दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें।
मोदी ने जी7 सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एक-दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने यथास्थिति बदलने के एकतरफा प्रयासों के खिलाफ एक साथ मिलकर आवाज उठाने का आह्वान भी किया।
प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन के एक सत्र में कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात में भोजन, ईंधन और उर्वरक के संकट का सबसे ज्यादा असर विकासशील देशों में महसूस किया जा रहा है। उन्होंने कहा, आज के परस्पर संबद्ध विश्व में किसी भी क्षेत्र में तनाव का असर सभी देशों पर पड़ता है और विकासशील देश सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
प्रधानमंत्री ने गौतम बुद्ध को भी याद किया और कहा कि आधुनिक युग में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान उनकी शिक्षाओं में न मिले। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से हुई वार्ता का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज हमने राष्ट्रपति जेलेंस्की को सुना। मैंने कल भी उनसे मुलाकात की थी। मैं मौजूदा स्थिति को राजनीति या अर्थव्यवस्था का मुद्दा नहीं मानता। मेरा मानना है कि यह मानवता, मानवीय मूल्यों का मुद्दा है।’’
प्रधानमंत्री ने वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा उद्देश्य की बात कही और इसपर जोर दिया कि युद्ध का संवाद और कूटनीति ही समाधान का एकमात्र रास्ता है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं कि यह मानवता का मुद्दा है, यह मानवीय मूल्यों का मुद्दा है।