बाजवा पर पाकिस्तान में घिरे पीएम इमरान खान, विपक्ष ने कहा- गलत संदेश जाएगा कि सेना ‘‘एक या दो लोगों’’ पर निर्भर
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 20, 2019 04:47 PM2019-08-20T16:47:53+5:302019-08-20T16:47:53+5:30
प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा, ‘‘सेवा में विस्तार उचित नहीं है और इससे लोगों में सकारात्मक संदेश नहीं जायेगा। इस सेवा विस्तार का वरीयता क्रम में शामिल कई अधिकारियों पर कॅरियर के लिहाज से तथा उनके मनोबल पर भी असर पड़ेगा।’’
पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने सोमवार को कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को तीन साल का सेवा विस्तार दिये जाने को लोग सकारात्मक तरीके से नहीं लेंगे और इससे गलत संदेश जायेगा कि सेना ‘‘एक या दो लोगों’’ पर निर्भर है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ‘‘क्षेत्रीय सुरक्षा के माहौल’’ को देखते हुए बाजवा को तीन साल का सेवा विस्तार दिया है। इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा, ‘‘सेवा में विस्तार उचित नहीं है और इससे लोगों में सकारात्मक संदेश नहीं जायेगा। इस सेवा विस्तार का वरीयता क्रम में शामिल कई अधिकारियों पर कॅरियर के लिहाज से तथा उनके मनोबल पर भी असर पड़ेगा।’’
उन्होंने कहा कि सेना एक ताकतवर संस्थान है और ‘‘ताकतवर संस्थानों को किसी व्यक्ति पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह कितना सक्षम और बेहतर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह संदेश देना बिल्कुल ठीक नहीं है कि सेना एक या दो व्यक्तियों पर निर्भर है।’’
अन्य विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन ने हालांकि बाजवा के विस्तार पर प्रतिक्रिया देने में सतर्कता बरती। पार्टी के सीनेटर और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी मुसाहिदुल्लाह खान ने कहा, ‘‘हम फिलहाल इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। बेहतर होगा प्रधानमंत्री खान से इस बारे में पूछा जाए।’’
कमर बाजवा की नियुक्ति पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नवंबर 2016 में की थी। 58 वर्षीय जनरल कमर बाजवा का तीन साल का कार्यकाल नवंबर महीने में पूरा होने वाला था, लेकिन पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने सोमवार को उनका कार्यकाल आगे बढ़ाने का फैसला किया। इमरान खान ने कहा कि बाजवा का कार्यकाल क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए बढ़ाया गया है।
सेना के आलोचकों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने ही 2018 में इमरान खान को चुनाव जीतने में मदद की थी और पाकिस्तान की राजनीति में एक नई ताकत का जन्म हुआ। यही वजह है कि विपक्षी दल के नेता इमरान खान को 'सिलेक्टेड पीएम' (सेना द्वारा चुना हुआ) कहकर बुलाते हैं।
इमरान खान के एक साल के कार्यकाल में सरकार और सैन्य नेतृत्व में सामंजस्य भी देखने को मिला। हाल ही में, बाजवा ने इमरान खान द्वारा लिए गए कड़े आर्थिक फैसले का बचाव किया था और साथ ही सेना खर्च में कटौती का ऐलान किया था। जब इमरान खान अमेरिकी दौरे पर गए तो विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ-साथ आर्मी चीफ कमर बाजवा भी पहुंचे थे। इससे पाकिस्तान की सरकार पर उनके प्रभाव का अंदाजा लग जाता है।