श्रीलंका में पेट्रोल भंडार हुआ खत्म, सरकार ने जनता से अपील की, 'पेट्रोल के लिए लाइन न लगाएं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 18, 2022 06:40 PM2022-05-18T18:40:34+5:302022-05-18T18:45:03+5:30
श्रीलंका सरकार ने जनता से अपील करते हुए कहा है कि बीते दो महीने से समुद्र तट पर खड़े पेट्रोल से भरे जहाज को भुगतान के लिए देश के पास विदेशी मुद्रा नहीं है, इसलिए वर्तमान समय में वो देशवासियों को पेट्रोल नहीं मुहैया करवा सकते हैं।
कोलंबो:श्रीलंका सरकार ने देश को जानकारी देते हुए बुधवार को इस बात की घोषणा की कि अब उसके पास पेट्रोल खरीदने के लिए मुद्रा नहीं बची है।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार ने बताया है कि बीते दो महीने से समुद्र तट पर खड़े पेट्रोल से भरे जहाज को भुगतान के लिए देश के पास विदेशी मुद्रा नहीं है, इसलिए वर्तमान समय में वो देशवासियों को पेट्रोल मुहैया नहीं करवा सकते हैं।
हालांकि इस चिंताजनक जानकारी को देते हुए श्रीलंकाई सरकार ने एक राहत भरी खबर यह दी है कि देश में अभी डीजल का पर्याप्त भंडार है। इसलिए जनता को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।
श्रीलंका की संसद में देश के बिजनी और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेरेका ने बताया कि बीते 28 मार्च से श्रीलंकाई बंदरगाह पर पेट्रोल से भरा हुआ एक जहाज लंगर डाले खड़ा है लेकिन हम उसे विदेशी मुद्रा का भुगतान किये बिना पेट्रोल नहीं ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास पेट्रोल की तीमच अदा करकने के लिए जरूरी अमेरिकी डॉलर नहीं है, वहीं इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनवरी 2022 में पिछले शिपमेंट के लिए बाकाया 53 मिलियन डॉलर उस जहाज को भुगतान किये जाने हैं, जिसे सरकार अभी तक नहीं चुका पायी है।
मंत्री कंचना विजेसेरेका ने कहा कि तेलवाहक शिपिंग कंपनी दोनों भुगतानों के बगैर जहाज से तेल देने के लिए तैयार नहीं है। विजेसेकेरा ने कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका द्वारा कंपनी को पिछले भुगतान का आश्वासन मिलने के देने के बाद वो पेट्रोल देने के लिए राजी हो गई थी लेकिन चूंकि अभी तक श्रीलंकाई बैंक को कहीं से विदेशी फंड नहीं मिला है, इसलिए कंपनी पेट्रोल का भुगतान करने में आनाकानी कर रही है।
इस भारी समस्या के कारण सरकार देश की जनता से अपील कर रही है कि वे पेट्रोल के लिए लाइनों में न लगें। डीजल के लिए देश में कोई समस्या नहीं है लेकिन पेट्रोल पूरी तरह से खत्म हो चुका है। मंत्री ने कहा कि हमारे पास सीमित मात्रा में जो पेट्रोल बचा है, उसे इमरजेंसी सेवाओं मसलन एम्बुलेंस और सुरक्षा संबंधी सेवाओं के लिए प्रयोग किया जाएगा।
इसके साथ ही मंत्री विजेसेरेका ने जनता से अपील की कि वो पेट्रोल जमाखोरी न करें क्योंकि अगले दो दिनों तक देश में पेट्रोल पहुंचाने का कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा है।
इससे पहले बुधवार को ही प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद को बताया कि विश्व बैंक से 160 मिलियन अमरीकी डालर प्राप्त हुए हैं और एडीबी (एशियाई विकास बैंक) से भी सरकार को सहायता मिलने की उम्मीद है। हालांकि विश्व बैंक से मिली राशि का प्रयोग पेट्रोल खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।
मालूम हो कि साल 1948 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग शून्य की स्थिति में पहुंच गया है। वहीं घोर आर्थिक मंदी के कारण ईंधन, रसोई गैस, दवाईयों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की देश में भारी किल्लत हो गई है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)