इस ड्रग्स से 'जॉम्बी' बन रहे लोग! सड़ रही पूरे शरीर की त्वचा, जानें क्यों अमेरिका में हो रही ये घटनाएं?
By अंजली चौहान | Published: February 23, 2023 04:57 PM2023-02-23T16:57:14+5:302023-02-23T17:55:36+5:30
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दवा को पशु चिकित्सा के उद्देश्य के लिए देश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अनुमोदित किया गया था और इसका उपयोग होरोइन के असर को काटने के लिए किया जाना था।
वाशिंगटन: अमेरिका में इन दिनों जाइलाजीन (Xylazine) या 'Traq' नाम के दवा से लोगों के बीमार होने को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पूरे शहर में इस दवा के सेवन से लोग अजीब तरह से बीमार हो रहे हैं। अमेरिका के कई शहरों में लोगों में त्वचा के सड़ने सहित घातक लक्षण देखे जा रहे हैं, जिसने तबाही मचा दी है। इस बीमारी इसकी तुलना अब 'लाश' से की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दवा को पशु चिकित्सा के उद्देश्य के लिए देश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अनुमोदित किया गया था और इसका उपयोग होरोइन के असर को काटने के लिए किया जाना था। हालांकि, हाल ही में ये फेंटेनाइल और अन्य अवैध दवाओं में पाया गया था।
Brooo, what’s happening in the USA🙆🏽♂️💀? pic.twitter.com/hUJCjZ5Xlx
— Oyindamola🙄 (@dammiedammie35) December 6, 2022
इंसानों के लिए हानिकारक है ये दवा
एक गैर-ओपियोइड, जाइलाजीन (Xylazine) मनुष्यों के लिए असुरक्षित है क्योंकि इसकी अधिक मात्रा नालोक्सोन या नारकन के प्रति प्रतिक्रिया को कम करती है, जो सबसे आम ओवरडोज रिवर्सल उपचार है। विशेषज्ञों का कहना है कि जाइलाजीन के उपयोग से ये बीमारी महामारी की शक्ल ले सकती है।
'जॉम्बी' ड्रग के लक्षण
जॉम्बी ड्रग के लक्षणों की बात करें तो इसमें अत्यधिक नींद आना, श्वसन अवसाद और कच्चे घाव शामिल हैं जो बार-बार संपर्क में आने से तेजी से फैल सकते हैं। अगर इनका समय पर इलाज न किया जाए और ऐसे ही छोड़ दिया जाए तो त्वचा सड़ने लगती है, जिसे एस्केर कहा जाता है। इस अवस्था में सड़न वाली जगह को केवल शरीर से काट कर ही अलग किया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक, फिलाडेल्फिया में साल 2021 में जांच के बाद खुलासा किया गया था कि एक लैब में परीक्षण किए गए नमूने के 90% में जाइलाजीन था, जिससे अन्य अवैध पदार्थों के साथ मिलाने पर ओवरडोज का खतरा बढ़ जाता है। फेंटेनाइल जैसे ओपियोइड्स की उच्च मात्रा को ''ट्रांक'' की मदद से बढ़ाया जाता है और इसी से जाइलाजीन को बढ़ने का मौका मिल जाता है।