Yasin Malik:पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने यासीन मलिक की सजा माफ करवाने के लिए यूएन को लिखी थी चिट्ठी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 25, 2022 09:55 PM2022-05-25T21:55:15+5:302022-05-25T22:14:55+5:30
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने यासीन मलिक के मामले में यूएन के ह्यूमन राइट्स कमिश्नर मिशेल बाचेलेट को चिट्ठी लिखकर उसे भारतीय जेल से रिहा करवाने के लिए अपील की थी।
इस्लामाबाद: दिल्ली में एनआईए की स्पेशल कोर्ट द्वारा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक को टेटर फंडिंग के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाये जाने के बाद से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में काफी विरोध देखने को मिल रहा है।
यासीन मलिक को सजा सुनाये जाने से पहले भारत के आंतरिक मामले में ट्वीट करने के कारण पूर्व क्रिकेटर शाहीद अफरीदी काफी ट्रोल हुए थे और अब जानकारी सामने आ रही है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र को चिट्ठी लिखी थी।
जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री भुट्टो ने यूएन के ह्यूमन राइट्स कमिश्नर मिशेल बाचेलेट को चिट्ठी लिखकर कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को भारतीय जेल से रिहा करवाने के लिए अपील की थी।
इस मामले में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारतीय कश्मीर की कथित खराब स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए 24 मई को ह्यूमन राइट्स कमिश्नर मिशेल बाचेलेट को चिट्ठी भेजी थी।
पाक विदेश मत्रालय के मुताबिक "भुट्टो की चिट्ठी में कथिततौर पर भारत सरकार के द्वारा कश्मीरियों को सताने और दमन करने की झूठी और काल्पनिक आरोपों का जिक्र किया गया है।"
विदेश मंत्री ने यूएन से भारत में अलगाववादी नेताओं पर हो रहे कथित जुल्म के मामले में तत्काल संज्ञान लेने का भी आग्रह किया गया है। भुट्टो की चिट्ठी आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार यासीन मलिक को निराधार आरोपों के मामले में जेल की सजा देना चाहती है, जिसे तत्काल रोका जाना बेहद आवश्यक है।
इसके अलावा चिट्ठी में यह भी लिखा है कि यूएन इस मामले में दखल देकर मलिक को रिहा करवाये ताकि वो अपने परिवार के साथ फिर से मिल सकें और स्वतंत्र होकर सामान्य जीवन बिता सकें।
मालूम हो कि कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बुधवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने साल 2017 में टेरर फंडिंग के जरिये घाटी को आतंकियों की मदद करने के मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आजीवन कारावास की सजा दी है और साथ में 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)