वाराणसी जेल से 16 साल बाद रिहा हुए पाक कैदी अपने साथ ले गया श्रीमद्भगवत गीता, खत में लिखी ये बातें
By स्वाति सिंह | Published: November 5, 2018 08:48 AM2018-11-05T08:48:36+5:302018-11-05T08:48:36+5:30
साल 2001 में जलालुद्दीन पकड़ा गया था। उसे वाराणसी में छावनी इलाके से कुछ संदिग्ध दस्तावेजों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा पुलिस को उसके पास से कुछ जगहों के मानचित्र मिले थे।
वाराणसी जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिक को 16 साल बाद रविवार को रिहा कर दिया गया है।जलालुद्दीन को 16 साल पहले संदिग्ध दस्तावेज के साथ वाराणसी छावनी इलाके से गिरफ्तार किया गया था।जिसे रविवार को रिहा कर दिया गया।बताया जा रहा है कि रिहाई के बाद अपने साथ भागवदगीता लेकर पाकिस्तान गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाराणसी सेंट्रल जेल के सीनियर कॉरेस्पोंडेंट अंबरीश गौड ने बताया कि साल 2001 में जलालुद्दीन पकड़ा गया था। उसे वाराणसी में छावनी इलाके से कुछ संदिग्ध दस्तावेजों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा पुलिस को उसके पास से कुछ जगहों के मानचित्र मिले थे। जलालुद्दीन पाकिस्तान के सिंध प्रांत से है।
इसके बाद जलालुद्दीन को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 16 साल की जेल की सजा सुनाई गई। खबरों कि मानें तो जेल में जाने के बाद जलालुद्दीन ने हाइस्कूल पास किया और आगे की पढ़ाई करने के साथ ही वह श्रीमद्भागवत गीता का भी अध्ययन करने लगा। इसके बाद फिर जेल से ही उसने इंटरमीडिएट, बीए और एमए तक की पढ़ाई पूरी की। डिग्रियों के साथ-साथ उसने इलेक्ट्रीशन का कोर्स किया।
जाने से पहले गृह मंत्रालय को भेजा पत्र
जलालुद्दीन ने जेल से रिहा होने से पहले जेल के अधिकारियों के जरिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजा। इस पत्र में उसने लिखा है, 'मेरी ख्वाहिश है कि यूएसए, यूके, यूएई की तरह ही हमारे सार्क देश से भी एलओसी खत्म हो जाए।' उसने लिखा 'हम सब (भारत-पाकिस्तान) अगर एक हो जाएं तो कोई भी देश बुरी नजर से देखने की हिम्मत नहीं कर सकेगा।'