तालिबान आतंकी मुठभेड़ में ढेर, कनाडा की पत्रकार के अपहरण और हत्या मामले में था वांछित
By भाषा | Published: June 10, 2020 05:34 PM2020-06-10T17:34:51+5:302020-06-10T17:34:51+5:30
पाकिस्तान तालिबान का आतंकवादी अमीन शाह पेशावर में मुठभेड़ में मारा गया। बता दें कि शाह ने कनाडा की पत्रकार खदीजा अब्दुल कहर को किडनैप कर उनकी हत्या की थी।
पेशावर: कनाडा की पत्रकार खदीजा अब्दुल कहर के अपहरण और हत्या के मामले में वांछित पाकिस्तान तालिबान का आतंकवादी अमीन शाह पेशावर में मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। खैबर-पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख सनाउल्ला अब्बासी ने कहा कि प्रतिबंधित आतकंवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का शीर्ष आतंकवादी शाह आतंकवाद के कई मामलों में वांछित था।
उन्होंने कहा कि उसने 2008 में कहर (55) का अपहरण कर 2010 में पाकिस्तान में उनकी हत्या कर दी थी। तालिबान ने कहर को रिहा करने के लिये फिरौती के तौर पर 20 लाख अमेरिकी डॉलर और हिरासत में लिये गए अपने कुछ नेताओं को छोड़ने की मांग रखी थी। अब्बासी ने कहा कि शाह आत्मसमर्पण करने से इनकार करने के बाद पुलिसकर्मियों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया।
इस्लाम कबूल करने से पहले बेवर्ली गीसब्रेक्ट के नाम से जानी जाने वाली कनाडा की पत्रकार कहर का उनके अनुवादक सलमान खान और रसोइया तथा वाहन चालक जार मोहम्मद के साथ अशांत उत्तरी वजीरिस्तान कबाइली क्षेत्र के मीरानशाह की यात्रा के दौरान 11 नवंबर 2008 को अपहरण कर लिया गया था। कनाडा और पाकिस्तान की सरकार ने कहर की सुरक्षित रिहाई के लिये संयुक्त अभियान चलाया, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला।
एक धार्मिक दल के प्रयासों के चलते आठ महीने बाद खान और महमूद को छोड़ दिया गया था। खान ने अपनी रिहाई के बाद बताया था कि 'जिहादुन्स्पुन डॉट कॉम' नामक वेबसाइट की मालिक और प्रकाशक कहर हेपेटाइटिस से जूझ रही थीं और मौत के लिये मानसिक रूप से तैयार थीं। उन्हें अपनी रिहाई की ज्यादा उम्मीद नहीं थी।
कहर ने पाकिस्तान को पूरी तरह युद्ध क्षेत्र करार देते हुए यहां से निकलने के लिये मदद मांगी थी। इससे पहले अपहरणकर्ताओं ने 30 मार्च 2009 तक फिरौती की मांग पूरी न होने पर क़हर को मारने की धमकी दी थी। मीरानशाह प्रेस क्लब को भेजे गए वीडियो में कहर यह गुहार लगाती नजर आईं 'मुझे बचा लीजिये...मैं कनाडा सरकार, मानवाधिकार संगठनों और मीडिया संघों से इनकी सभी मांगें मान लेने और मुझे छुड़ाने का अनुरोध करती हूं, वरना ये मुझे जान से मार देंगे।'