पाकिस्तान ने समझौता ब्लास्ट मामले में आरोपियों को बरी करने पर जताया कड़ा विरोध
By भाषा | Published: March 21, 2019 11:19 PM2019-03-21T23:19:09+5:302019-03-21T23:19:09+5:30
पाकिस्तान ने 2007 में समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में हुए विस्फोट के मामले में सभी आरोपियों को बरी करने पर ‘कड़ा विरोध’ दर्ज कराया है।
(सज्जाद हुसैन) इस्लामाबाद, 21 मार्चः पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके मुल्क ने 2007 में समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में हुए विस्फोट के मामले में सभी आरोपियों को बरी करने पर ‘कड़ा विरोध’ दर्ज कराया है। भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में हरियाणा के पानीपत के निकट 18 फरवरी 2007 को उस समय विस्फोट हुआ था, जब ट्रेन अमृतसर स्थित अटारी की ओर जा रही थी। इस विस्फोट में 68 लोगों की मौत हुई थी जिसमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे।
हरियाणा के पंचकूला की एक विशेष अदालत ने बुधवार को इस मामले में असीमानंद और तीन अन्य को बरी कर दिया। कुरैशी ने कहा, ‘‘ भारत की एनआईए अदालत की ओर दिए गए फैसले ने लोगों को हिला कर रख दिया है। 11 साल बाद स्वामी असीमानंद जो इकबाल-ए-जुर्म कर चुका है, उस समेत चार आरोपियों को बरी कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान ने इस घटनाक्रम पर कड़ा विरोध जताया है और भारत को डेमार्श (आपत्ति पत्र) दिया है।’’ कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान समझौता ट्रेन मामले में आए फैसले का अध्ययन कर रहा है और अपने विकल्पों पर विचार-विमर्श कर रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने बिना किसी सबूत के पुलवामा हमले का दोष पाकिस्तान पर मढ़ा लेकिन भारत के दावे को किसी ने भी स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने दावा किया, ‘‘ मैं यह कई विश्व नेताओं से बात करने के बाद कह रहा हूं। भारत ने इसे पाकिस्तान से जोड़ने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहा।’’ चीन की यात्रा से लौटे कुरैशी ने कहा कि उन्होंने चीन के साथ जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर के मुद्दे पर चर्चा की है, जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाने के अधिकार का इस्तेमाल किया।