पाकिस्तान में पंजाब में हंगामा, आपत्तिजनक सामग्री, POK को देश का हिस्सा नहीं दिखाने पर पाक में 100 से अधिक पाठ्यपुस्तकें प्रतिबंधित
By भाषा | Published: July 24, 2020 08:07 PM2020-07-24T20:07:18+5:302020-07-24T20:09:12+5:30
पंजाब पाठ्यसामग्री व पाठ्यपुस्तक बोर्ड के प्रबंध निदेशक राय मंज़ूर नासिर ने कहा कि कुछ पुस्तकों में पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना और राष्ट्रीय कवि मुहम्मद इक़बाल के जन्म की सही तारीख भी नहीं छपी थी वहीं कुछ पुस्तकों में दो-राष्ट्र सिद्धांत के खिलाफ सामग्री थी।
लाहौरः पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले 100 से अधिक पाठ्यपुस्तकों पर प्रतिबंध लगाा दिया है। प्रतिबंध लगाने की वजहों में ‘ईशनिंदा और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को देश का हिस्सा नहीं दिखाने जैसी आपत्तिजनक सामग्री" शामिल हैं।
पंजाब पाठ्यसामग्री व पाठ्यपुस्तक बोर्ड के प्रबंध निदेशक राय मंज़ूर नासिर ने कहा कि कुछ पुस्तकों में पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना और राष्ट्रीय कवि मुहम्मद इक़बाल के जन्म की सही तारीख भी नहीं छपी थी वहीं कुछ पुस्तकों में दो-राष्ट्र सिद्धांत के खिलाफ सामग्री थी।
नासिर ने कहा कि 30 समितियों ने सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ायी जाने वाली करीब 10,000 पुस्तकों की समीक्षा की। इनमें से कुछ पुस्तकों का प्रकाशन ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, लिंक इंटरनेशनल पाकिस्तान, पैरागॉन बुक्स द्वारा किया गया है। बोर्ड ने इन किताबों को बाजार से जब्त करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि अगले छह महीनों के भीतर अन्य पाठ्यपुस्तकों का भी निरीक्षण किया जाएगा।
पाकिस्तान की अदालत ने नौसेना के इनौकायन क्लब को सील करने का आदेश दिया
पाकिस्तान की एक अदालत ने राजधानी इस्लामाबाद के रावल झील के किनारे नौसेना द्वारा निर्मित नौकायन क्लब को सील करने का आदेश देते हुये कहा है कि इसका निर्माण कानूनों का उल्लंघन करते हुये अवैध रूप से हुआ है । राजधानी विकास प्राधिकरण (सीडीए) और पाकिस्तान नौसेना के एक अधिकारी के मानव निर्मित जलाशय के पास इस अवैध निर्माण को सही करार देने में विफल रहने के बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को यह आदेश जारी किया।
अदालत ने कहा, 'प्रथम दृष्टया भूमि का अधिग्रहण और इमारत का निर्माण अवैध लगता है और इसमें कानूनों का उल्लंघन हुआ है । इसलिए, यह आदेश दिया जाता है कि अगली तारीख तक संघीय सरकार, कैबिनेट सचिव एवं राजधानी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के माध्यम से इस परिसर को सील करेंगे।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने नौकायन क्लब के निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया । इसमें कहा गया था कि रावल झील तक पहुँचने में जनता को असुविधा होती है। अदालत ने कहा कि इसके निर्माण में कानूनों का पालन नहीं किया गया है और कैबिनेट सचिव को संघीय कैबिनेट की अगली बैठक में इस मामले को रखने का आदेश दिया।