पाकिस्तान: पेशावर मस्जिद बम धमाके में मरने वालों का आंकड़ा 100 पहुंचा, संदिग्ध हमलावर का कटा सिर मिला
By विनीत कुमार | Published: January 31, 2023 08:13 PM2023-01-31T20:13:44+5:302023-01-31T20:55:42+5:30
पाकिस्तान के पेशावर में मस्दिज में सोमवार को आत्मघाती धमाका हुआ था। इस घटना में मरने वालों की संख्या 100 पहुंच गई है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

पेशावर में मस्जिद में धमाके में 100 लोगों की मौत की पुष्टि (फोटो- सोशल मीडिया)
पेशावर: पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को एक मस्जिद में नमाज के दौरान हुए आत्मघाती हमले में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने उच्च सुरक्षा वाले पुलिस लाइंस इलाके में स्थित मस्जिद के भीतर हमले की जिम्मेदारी ली है।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावर दोपहर की नमाज के समय अग्रिम पंक्ति में था जब उसने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। सामने आई जानकारी के अनुसार बचावकार्य में लगे अधिकारियों ने मंगलवार को कथित तौर पर हमलावर का कटा हुआ सिर भी घटनास्थल से बरामद किया।
इस विस्फोट में मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन की भी मौत हो गई। पेशावर पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार, 200 से अधिक घायलों को लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया है, जिनमें से करीब 100 का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि अन्य को छुट्टी दे दी गई है।
पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस ऑफिसर (सीसीपीओ) एजाज खान ने मीडिया से कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि अभी भी कई पुलिसकर्मी मलबे में दबे हुए हैं। उन्होंने कहा, 'करीब 300-400 पुलिसकर्मी आमतौर पर दोपहर के समय नमाज अदा करते हैं। अगर पुलिस लाइंस के अंदर धमाका हुआ है तो यह सुरक्षा में चूक है लेकिन मामले की जांच से ही आगे का खुलासा हो सकता है।'
मस्जिद परिसर में सरकारी भवन से घुसा हमलावर!
खान ने कहा कि ऐसी संभावना है कि हमलावर सरकारी वाहन से मस्जिद परिसर में घुसा हो। उन्होंने कहा आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) मामले की जांच कर रहा है। ‘जियो न्यूज’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विस्फोट की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भेज दी गई है। सूत्रों ने कहा कि घटनास्थल पर मिले सबूतों से संकेत मिलता है कि यह एक आत्मघाती हमला था।
रिपोर्ट के मुताबिक, खंभे गिरने से छत गिर गई, जिससे काफी नुकसान हुआ है। सुरक्षा खामियों पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी हमले पर दुख जताया।
पिछले साल भी हुई थी ऐसी घटना
पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गयी थी। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है।
उस पर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरिएट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल होने का आरोप है। इसे अल कायदा का करीबी बताया जाता है।