FATF में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान, शुक्रवार को ‘डार्क ग्रे’ सूची डाला जा सकता है उसका नाम
By भाषा | Published: October 17, 2019 11:19 AM2019-10-17T11:19:35+5:302019-10-17T11:19:35+5:30
पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था और उसे अक्टूबर, 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्ययोजना सौंपी थी अन्यथा काली सूची में नाम आने के खतरे का सामना करने की चेतावनी दी थी।
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकी वित्तपोषण की निगरानी संस्था एफएटीएफ द्वारा कड़ी कार्रवाई के कगार पर है और उसे ‘डार्क ग्रे’ सूची में डाला जा सकता है, जो सुधरने की अंतिम चेतावनी है। संकेतों के अनुसार आर्थिक कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की यहां चल रही बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने कहा है कि अगर पाकिस्तान ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो उसे सभी सदस्यों द्वारा अलग-थलग कर दिया जाएगा।
पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था और उसे अक्टूबर, 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्ययोजना सौंपी थी अन्यथा काली सूची में नाम आने के खतरे का सामना करने की चेतावनी दी थी। एफएटीएफ इस साल अप्रैल तक पाकिस्तान की ओर से हुई प्रगति का अध्ययन कर रही है। 13 अक्टूबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चलने वाले एफएटीएफ सप्ताह में यह समीक्षा की जा रही है। इसमें तय किया जाएगा कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही बना रहे या उसे काली सूची में डाल दिया जाए या फिर क्लीन चिट दे दी जाए।
एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के अपर्याप्त प्रदर्शन को देखते हुए वह एफएटीएफ द्वारा कड़ी कार्रवाई के कगार पर है और वह 27 में से केवल छह बिंदुओं को पारित करने में कामयाब रहा। एफएटीएफ 18 अक्टूबर को पाकिस्तान पर अपने फैसले को अंतिम रूप देगा। एफएटीएफ के नियमों के अनुसार 'ग्रे' और 'ब्लैक' सूचियों के बीच एक अनिवार्य चरण है, जिसे 'डार्क ग्रे' कहा जाता है।
'डार्क ग्रे' का अर्थ है सख्त चेतावनी ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके। एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है, जिसे धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है।