विचित्र है पाकिस्तान का चुनाव: कूड़े के ढेर और नालों के अंदर घुसकर कर प्रत्याशी मांग रहे हैं वोट
By भाषा | Published: July 22, 2018 05:14 PM2018-07-22T17:14:35+5:302018-07-22T17:14:35+5:30
पाकिस्तान के एक सांसद ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा , ‘‘जैसे ही उन्हें लगता है कि सत्ता दूसरे के हाथ में जाने वाली है वह पाला बदल लेते हैं।’’
इस्लामाबाद , 22 जुलाई: पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले चुनावों में मुख्यधारा के राजनेताओं के साथ - साथ कई दिलचस्प व्यक्तित्व वाले उम्मीदवार भी मैदान में उतर रहे हैं। इनमें अलग - अलग क्षेत्रों के जानकार पारिस्थिति की विज्ञानी , ‘‘कम भ्रष्ट ’’, अवसरवादी , बाहुबली व्यक्तित्व वाले लोग शामिल हैं।
चुनाव में खड़े अयाज मेमन मोतीवाला पेशे से पारिस्थितिकी विज्ञानी है। यह पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची से निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। अपने अभियान की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए वह कूड़े के ढेर और नालों के अंदर घुसकर प्रचार कर रहे हैं। चुनाव में भ्रष्टचार और पर्यावरण उनका एजेंडा है। मोतीवाला ने ‘एएफपी ’ से कहा , ‘‘अगर वह गटर बंद नहीं करते तो उनके अंदर बैठना और प्रदर्शन करना मेरा अधिकार है। ’’
मोतीवाला का चुनाव चिन्ह पानी का नल है। उम्मीदवार रादेश सिंह टोनी पाकिस्तान के सिख समुदाय के पहले निर्दलीय उम्मीदवार है जो उत्तर पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
स्थानीय सिख चरणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या किए जाने और उसके कुछ सप्ताह बाद चुनावी रैली में बम धमाके में 20 लोगों के मारे जाने की घटना ने टोनी को चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया। टोनी ने कहा , ‘‘ हम आसान निशाना हैं। हम डर के माहौल में प्रचार कर रहे हैं। ’’
आतंकवाद से प्रभावित दक्षिण वजीरिस्तान के निवासी अली वजीर ने अपने घर पर हुऐ आतंकवादी हमले में अपने 10 रिश्तेदारों को खो दिया था , लेकिन इससे उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वजीर ने ऑनलाइन वीडियो में कहा , ‘‘मैं अपने लोगों की मांग पर चुनाव लड़ रहा हूं। मैं उनके अधिकारों के लिए लड़ूंगा। ’’
अपने लुक को लेकर लोकप्रिय नवाब अंबर शहजादा का हौसला 41 बार हार का मुंह देखने के बाद भी नहीं टूटा। अपनी पार्टी के प्रमुख एवं इकलौते सदस्य 32 साल से चुनाव में अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। वर्ष 2013 में इनकों केवल सात वोट मिले थे।
उन्होंने कहा , ‘राजनेता हमें पागल बना रहे हैं , वह जनता को गुमराह कर रहे हैं और मैं अपनी हास्यास्पद अंदाज से लोगों को जागरूक करना चाहता हूं।’’ उनका नारा ‘‘जरूरत आधारित भ्रष्टाचार’’ है। और जीत हासिल होने पर उन्होंने ‘‘कम भ्रष्ट ’’ होने का वादा किया।
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दूसरी ओर अवसरवादी विचारधारा वाले मीर अब्दुल करीम नौशेरवानी वर्ष 1985 से पाकिस्तान के सबसे गरीब एवं अस्थिर प्रांत दक्षिणी बलूचिस्तान से चुनाव लड़ रहे हैं और सात बार पार्टी बदल चुके हैं। इस बार वह बलूचिस्तान अवामी पार्टी की ओर से मैदान में उतरेंगे।
अन्य एक सांसद ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा , ‘‘जैसे ही उन्हें लगता है कि सत्ता दूसरे के हाथ में जाने वाली है वह पाला बदल लेते हैं। ’’