पाकिस्तान ने राम मंदिर भूमिपूजन की आलोचना की, कहा- 'आज के भारत में मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं'
By भाषा | Published: August 5, 2020 11:59 PM2020-08-05T23:59:24+5:302020-08-05T23:59:24+5:30
Ram Mandir Bhoomi Pujan:अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार (5 अगस्त) भूमि पूजन संपन्न हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी सीएम योगी सहित अन्य विशिष्ट अतिथि इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस्लामाबाद: पकिस्तान ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर बुधवार (5 अगस्त) को हुए राम मंदिर भूमि पूजन की आलोचना की। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा ,‘‘भारतीय उच्चतम न्यायालय के त्रुटिपूर्ण निर्णय ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जो न केवल न्याय पर आस्था की प्रधानता को दर्शाता है, बल्कि आज के भारत में बढ़ते बहुसंख्यवाद को भी दिखाता है जहां अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं।’’
विदेश कार्यालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर के निर्माण में जल्दबाजी यह दिखाती है कि किस प्रकार से भारत में मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा रहा है। भारत पहले ही इस मुद्दे पर पाकिस्तान की ‘‘ अवांछित और अकारथ टिप्पणियों ’’ को खारिज कर चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा था,‘‘ भारत के उच्चतम न्यायालय का फैसला भारत का पूरी तरह से अंदरूनी मामला है।’’
पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रखी राम मंदिर निर्माण की आधारशिला, कहा-खत्म हुआ सदियों का इंतजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 अगस्त) को पौराणिक नगरी अयोध्या में भूमि पूजन कर चांदी की ईंट और चांदी के फावड़े से ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ निर्माण की आधारशिला रखी। इसके साथ ही केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का न सिर्फ एक प्रमुख चुनावी वादा पूरा हुआ बल्कि उस अभियान की समाप्ति भी हो गई जिसके सहारे इस भगवा पार्टी ने राजनीतिक सत्ता के शिखर तक का सफर तय किया।
राम मंदिर निर्माण की नींव रखने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज सदियों का इंतजार खत्म हुआ है। इत्तेफाक से पिछले साल पांच अगस्त के दिन ही भाजपा सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर विचारधारा से जुड़े अपने एक अन्य प्रमुख वादे को पूरा किया था। दशकों तक हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद का केंद्र रहे श्री राम जन्मभूमि स्थल पर जब मोदी पूजा-अर्चना कर रहे थे, उस वक्त देशभर के लोग अपने घरों में टेलीविजन से चिपके रहे और इस पल के गवाह बने।
पिछले साल उच्चतम न्यायालय ने इस विवाद का निपटारा कर श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया था। ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित किया और इसकी शुरुआत ‘‘सियावर रामचंद्र की जय’’ और ‘‘जय सिया राम’’ के उद्घोष से की। उन्होंने कहा कि यह उद्घोष सिर्फ राम की नगरी में ही नहीं, बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है।
उन्होंने सभी देशवासियों को और विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को इस ‘‘पवित्र’’ अवसर पर ‘‘कोटि कोटि’’ बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे ‘‘हमारे रामलला’’ के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा।