पाकिस्तान उपचुनाव: इमरान खान और नवाज शरीफ के पार्टियों के बीच कांटेदार मुकाबला
By भाषा | Published: October 15, 2018 04:59 AM2018-10-15T04:59:37+5:302018-10-15T04:59:37+5:30
रविवार को उपचुनाव के बाद देशभर से आ रहे प्रारंभिक नतीजों में सत्तारूढ़ पीटीआई और मुख्य विपक्षी दल पीएमएल-एन के बीच कांटेदार मुकाबला देखने को मिल रहा है।
पाकिस्तान में नेशनल और प्रांतीय असेंबली की 35 सीटों पर रविवार को उपचुनाव के बाद देशभर से आ रहे प्रारंभिक नतीजों में सत्तारूढ़ पीटीआई और मुख्य विपक्षी दल पीएमएल-एन के बीच कांटेदार मुकाबला देखने को मिल रहा है।
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के अनुसार, 11 नेशनल और 24 प्रांतीय असेंबली सीटों के लिए मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और यह शाम पांच बजे समाप्त हुआ।मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद मतगणना शुरू हो गई।
डॉन अखबार की खबर के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पीएमएल-एन नेशनल असेंबली में चार-चार सीटों पर आगे चल रही है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू दो सीटों पर और मुत्ताहिद मजलिस अमल एक सीट पर आगे चल रही हैं। जियो टीवी की खबर के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी एन-124 लाहौर सीट पर जीत गए।
पंजाब में नेशनल असेंबली की नौ सीटों जबकि सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में एक-एक सीट के लिये उप चुनाव हुए। वहीं, प्रांतीय असेंबली की 24 सीटों के लिये उपचुनाव हो रहे हैं जिसमें से पंजाब में 11, खैबर पख्तूनख्वा में नौ, सिंध एवं बलूचिस्तान में दो-दो सीटों पर उपचुनाव के लिये मतदान हो रहे हैं।
उपचुनाव वाले इन सीटों में से ज्यादातर वो सीटें हैं जो 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में एक से अधिक सीट से जीतने वाले प्रत्याशियों ने खाली कर दी थी। प्रधानमंत्री इमरान खान ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी और बाद में उनमें से चार सीटें खाली कर दी थीं।7,489 मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा मुहैया कराने के लिए हजारों जवानों को तैनात किया गया। शुक्रवार को जवानों की तैनाती शुरू हुई थी और वे 15 अक्टूबर तक चुनाव ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।
चुनाव आयोग ने 1,727 मतदान केन्द्रों को ‘अति संवेदनशील’ बताया है जहां अतिरिक्त जवानों और सुरक्षा कैमरों को लगाया गया। इसमें पंजाब के 848 मतदान केन्द्र, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के 544, सिंध के 201 और बलूचिस्तान के 134 मतदान केन्द्र शामिल हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतदान केन्द्रों के भीतर और बाहर जवानों को तैनात किया गया।