पाकिस्तान सेना का बयान, कुलभूषण जाधव के मामले की समीक्षा के लिए विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही सरकार

By भाषा | Published: November 14, 2019 03:21 AM2019-11-14T03:21:39+5:302019-11-14T03:21:39+5:30

अप्रैल 2017 में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49)के खिलाफ पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।

pak army says Government considering various legal options to review Kulbhushan Jadhav's case | पाकिस्तान सेना का बयान, कुलभूषण जाधव के मामले की समीक्षा के लिए विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही सरकार

पाकिस्तान सेना का बयान, कुलभूषण जाधव के मामले की समीक्षा के लिए विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही सरकार

Highlightsआईसीजे ने 17 जुलाई को अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की मौत की सजा की अवश्य ही समीक्षा करनी चाहिए।जाधव को सुनाये गये दंड से दोनों पड़ोसी देशों में तनाव पैदा हो गया है।

पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को कहा कि उसका देश (पाकिस्तान) मृत्युदंड की सजा पाए कुलभूषण जाधव के मामले की समीक्षा के लिए विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। सेना का यह बयान इन खबरों के बीच आया है कि पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले को लागू करने के लिए सेना कानून में संशोधन की तैयारी कर रही है।

हालांकि पाकिस्तान सशस्त्र बल के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इन खबरों को बस ‘अटकलें’ करार दिया कि सरकार जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ एक दीवानी अदालत में अपील दायर करने की इजाजत देने के लिये थल सेना कानून में संशोधन की योजना बना रही है। खबर के अनुसार कानून में संशोधन से सैन्य अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दीवानी अदालतों में समाधान मांगने की प्रक्रिया की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी।

आईसीजे ने 17 जुलाई को अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा की अवश्य ही समीक्षा करनी चाहिए। गफूर ने कहा कि जाधव के मामले में आईसीजे फैसले को लागू करने के लिए पाकिस्तान सेना कानून में संशोधन की खबरें ‘गलत’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। अंतिम स्थिति सही समय पर साझा की जाएगी।’’

अप्रैल 2017 में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49)के खिलाफ पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे।

भारत ने दलील दी थी कि उसके नागरिक को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से इनकार करना राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन है। इस मामले में भारत के आवेदन को स्वीकार करने पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज करते हुए आईसीजे ने 42 पन्नों के अपने आदेश में कहा था कि मौत की सजा के तामील पर लगातार स्थगन से जाधव के दंड की समीक्षा की अपरिहार्य स्थिति पैदा होती है ।

जाधव को सुनाये गये दंड से दोनों पड़ोसी देशों में तनाव पैदा हो गया है। हालांकि आईसीजे ने सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उसकी रिहाई समेत भारत की कई मांगें खारिज कर दी थी। पाकिस्तान ने काफी टाल-मटोल के बाद आईसीजे के निर्देश के तहत दो सितंबर को जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान की थी। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन्होंने ईरान से कथित तौर पर प्रवेश किया था। भाषा राजकुमार पवनेश पवनेश

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