Pahalgam attack: सिंधु जल संधि स्थगित, एनएससी की बैठक में कहा-24 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा, कैसे रहेंगे
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 24, 2025 16:57 IST2025-04-24T16:49:12+5:302025-04-24T16:57:32+5:30
Pahalgam attack: पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले को 'खारिज' किया और कहा कि यह 24 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा है।

Pahalgam attack
Pahalgam attack: पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर को लेकर भारत और पाक में रार तेज है। इस्लामाबाद ने सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर भारतीयों के लिए सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत वीज़ा निलंबित कर दिया। पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग में स्थित सैन्य सलाहकारों को 30 अप्रैल तक वहां से चले जाने को कहा है। पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइन के लिए हवाई क्षेत्र व वाघा सीमा क्रॉसिंग बंद की। पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले को 'खारिज' किया और कहा कि यह 24 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा है।
Any threat to Pak's sovereignty, security will be met with firm reciprocal measures in all domains: Pakistani statement after NSC meet.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 24, 2025
Pakistan says it unequivocally condemns terrorism.
Pakistan suspends 'all trade' with India, including that routes through third countries. pic.twitter.com/JLS5mv20YE
Pakistan 'rejects' Indian decision to suspend Indus Water Treaty after Pahalgam terror attack, says it's lifeline for 240 mn Pakistanis. pic.twitter.com/IkyZ6fFvqz— Press Trust of India (@PTI_News) April 24, 2025
Pakistan asks military advisers at Indian High Commission to leave by April 30. pic.twitter.com/C05AtdzzcL— Press Trust of India (@PTI_News) April 24, 2025
Islamabad suspends visas under SAARC Visa Exemption Scheme to Indians, barring Sikh pilgrims. pic.twitter.com/ha2StMRlEm— Press Trust of India (@PTI_News) April 24, 2025
भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित की
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर इस्लामाबाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत बृहस्पतिवार को पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी मौजूदा वैध वीजा 27 अप्रैल से रद्द कर दिए गए हैं।
इसने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ देना चाहिए। इसने भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा करने से बचने का परामर्श दिया और पाकिस्तान में मौजूद लोगों को जल्द से जल्द स्वदेश लौटने की सलाह दी।
पहलगाम में नृशंस आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई थी, जिसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया तथा सुरक्षा बलों को ‘‘उच्च सतर्कता’’ बनाए रखने का निर्देश दिया गया।
भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, छह दशक से ज्यादा पुरानी सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए थे।
सिंधु जल संधि स्थगित: भारत के पास कई विकल्प
भारत ने बुधवार को घोषणा की कि पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद के लिए विश्वसनीय रूप से अपना समर्थन बंद नहीं कर देता। यह कदम मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों सहित 26 लोगों के एक आतंकवादी हमले में मारे जाने के बाद उठाया गया है।
इस कदम का क्या असर हो सकता है? सिंधु नदी प्रणाली में मुख्य नदी सिंधु के साथ-साथ बाएं किनारे की इसकी पांच सहायक नदियां रावी, व्यास, सतलुज, झेलम और चिनाब हैं। दाएं किनारे की सहायक नदी ‘काबुल’ भारत से होकर नहीं बहती है। रावी, व्यास और सतलुज को पूर्वी नदियां कहा जाता है जबकि चिनाब, झेलम और सिंधु मुख्य नदियां पश्चिमी नदियां कहलाती हैं।
इसका पानी भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। छह साल से अधिक समय तक भारत के सिंधु जल आयुक्त के रूप में कार्य करने वाले प्रदीप कुमार सक्सेना सिंधु जल संधि से संबंधित कार्यों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास कई विकल्प हैं। सक्सेना ने बताया, ‘‘अगर सरकार ऐसा निर्णय लेती है, तो यह संधि को निरस्त करने की दिशा में पहला कदम हो सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संधि में इसके निरस्तीकरण के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन संधि के कानून पर वियना संधि के अनुच्छेद 62 में पर्याप्त गुंजाइश है, जिसके तहत संधि के समापन के समय मौजूदा परिस्थितियों के संबंध में हुए मौलिक परिवर्तन को देखते हुए इसे अस्वीकृत किया जा सकता है।’’
पिछले वर्ष भारत ने पाकिस्तान को एक औपचारिक नोटिस भेजकर संधि की "समीक्षा और संशोधन" की बात की थी। भारत द्वारा उठाए जा सकने वाले कदमों को गिनाते हुए सक्सेना ने कहा कि संधि के अभाव में भारत पर किशनगंगा जलाशय और जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी नदियों पर अन्य परियोजनाओं के जलाशय ‘फ्लशिंग’ पर प्रतिबंधों का पालन करने का कोई दायित्व नहीं है।
सिंधु जल संधि वर्तमान में इस पर रोक लगाती है। जलाशय ‘फ्लशिंग’ एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल जलाशयों में गाद को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। इसमें जमा हुए गाद को बाहर निकाला जाता है। इसमें जलाशय से उच्च जल प्रवाह को छोड़ना भी शामिल है। ‘फ्लशिंग’ से भारत को अपने जलाशय से गाद निकालने में मदद मिल सकती है, लेकिन फिर पूरे जलाशय को भरने में कई दिन लग सकते हैं। संधि के अनुसार, ‘फ्लशिंग’ के बाद जलाशय को भरने का काम अगस्त में किया जाना चाहिए, खासकर मानसून के समय।
लेकिन संधि के स्थगित होने के कारण, यह कभी भी किया जा सकता है। पाकिस्तान में बुवाई का मौसम शुरू होने पर ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है, खासकर तब जब पाकिस्तान में पंजाब का एक बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर निर्भर है।