वैशाखी का त्योहार 16 वीं सदी के गुरुद्वारा में मनाने के लिए 800 से अधिक भारतीय सिख पाक पहुंचे
By भाषा | Published: April 12, 2021 09:04 PM2021-04-12T21:04:53+5:302021-04-12T21:04:53+5:30
(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 12 अप्रैल फसल कटाई का 10 दिनों का त्योहार वैशाखी में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 16 वीं सदी के गुरुद्वारा में मनाने के लिए 800 से अधिक भारतीय सिख सोमवार को यहां पहुंचे।
एवेक्यू ट्रस्ट बोर्ड के अधिकरियों और सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों ने वाघा सीमा पर श्रद्धालुओं का अभिवादन किया।
बोर्ड एक सांविधिक संस्था है और यह विभाजन के बाद भारत से पलायन करने वाले हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्ति तथा धार्मिक ढांचों का प्रबंधन करता है।
बोर्ड के प्रवक्ता अमीर हाशमी ने कहा, ‘‘कुल 815 सिख यात्री गुरुद्वारा पंजा साहिब,हसन अब्दल में वैशाखी की रस्मों में शामिल होने के लिए भारत से वाघा बॉर्डर के जरिए सोमवार को पहुंचे।’’
यह गुरुद्वारा लाहौर से करीब 350 किमी की दूरी पर स्थित है।
उन्होंने बताया कि वाघा बॉर्डर पर यात्रियों के लिए लंगर का इंतजाम किया गया था।
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