भगवान राम को लेकर नेपाल के पीएम केपी ओली के बयान पर शिवसेना का पलटवार, कहा- ओली के दिमाग पर पड़े ओले!
By अनुराग आनंद | Published: July 15, 2020 08:31 PM2020-07-15T20:31:21+5:302020-07-15T20:31:21+5:30
नेपाल के पीएम केपी ओली द्वारा भगवान राम के जन्म स्थान अयोध्या को लेकर दिए गए बयान के बाद अयोध्या के नाराज संत ओली को मूर्ख करार दे रहे हैं।
मुंबई: पिछले दिनों नेपाल के पीएम केपी ओली ने भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि वास्तविक अयोध्या भारत में नहीं बल्कि नेपाल में है। केपी ओली के इसी बयान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में पटवार किया है।
शिवसेना ने सामना में लिखा कि ओली की ये बातें हास्यास्पद हैं। शिवसेना ने कहा कि भगवान श्रीराम पूरे विश्व के थे लेकिन श्रीरान जन्मभूमि अयोध्या केवल हिंदुस्तान की है...इस पर किसी प्रकार की विवाद की आवश्यकता नहीं है। यही नहीं अपने लेख की हेडिंग ही शिवसेना ने सामना में लिखा कि केपी ओली के दिमाग पर पड़े ओले!, बाल्मीकि आश्रम को अयोध्या बता रहे हैं।
बाल्मीकि आश्रम को अयोध्या बता रहे हैं ओली?
सामना में शिवसेना ने कहा कि केपी ओली जिसे राम की जन्मभूमि बता रहे हैं, वो वाल्मीकि आश्रम है जो नेपाल के तराई इलाके के परसा जिले के ठोरी गांव में है। यह भारत के बिहार राज्य से सटा इलाका है।
जनकपुर भी पास में ही है जो सीता की जन्मस्थली है। नेपाल में चितवन के माड़ी में एक और आश्रम है जिसे बाल्मीकि आश्रम के नाम से जाना जाता है। वाल्मीकि ने ही रामायण की रचना की थी।
ओली ने नेपाली कवि भानुभक्त जयंती समारोह में राम को नेपाल का राजकुमार बताया था। भानुभक्त ने ही नेपाली भाषा में रामायण का अनुवाद किया था। राम के अलग-अलग रूप अलग-अलग इलाकों में हैं।
राम के मौजूदगी के साक्ष्य कई देशों में हैं-
सामना में कहा गया है कि राम के मौजूदगी के साक्ष्य केवल भारत में ही नहीं बल्कि थाईलैंड में भी है और वहां भी अयोध्या है। इसी तरह दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में राम की मौजूदगी आज भी है। यहां की रामलीला अपने अंदाज की होती है। इसकी तुलना बनारस या उत्तर भारत की किसी रामलीला से नहीं की जा सकती। यहां के किरदार भी अलग-अलग होते हैं।
अयोध्या शोध संस्थान में निदेशक योगेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि वाल्मीकि जी द्वारा लिखित रामायण कोई भूगोल की किताब नहीं है और यह किसी स्थल के बारे में नहीं बताती है। इस रामायण में जो मिथिला का हिस्सा है वह जनकपुर नेपाल का है, जो माता जानकी का जन्म स्थान है।