किसान आंदोलन: कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के बाद अब किसानों को ब्रिटेन के 36 सांसदों का साथ, जानें UK के सांसदों ने क्या कहा

By अनुराग आनंद | Published: December 5, 2020 02:00 PM2020-12-05T14:00:00+5:302020-12-05T14:06:31+5:30

देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज अब सीमा से बाहर दूसरे देशों की सत्ता में बैठे लोगों तक भी पहुंचने लगी है। परिणाम यह हुआ है कि किसानों को कनाडा के प्रधानमंत्री के बाद अब ब्रिटेन के 36 सांसदों का भी साथ मिला है।

on delhi farmers' protests 36 British MPs write to Foreign Secretary Dominic Raab | किसान आंदोलन: कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के बाद अब किसानों को ब्रिटेन के 36 सांसदों का साथ, जानें UK के सांसदों ने क्या कहा

दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान (फाइल फोटो)

Highlightsयूके के विदेश सचिव डॉमिनिक रैब से सांसदों ने कहा कि वे सभी भारत में किसानों के मुद्दे पर ब्रिटेन सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं। सांसदों ने अपने पत्र में लिखा कि भारत में किसानों के प्रदर्शन से जो स्थिति बनी है, वह ब्रिटेन व भारत में रह रहे सिख किसानों के लिए चिंता का विषय है।

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में आंदोलनकारी किसान बैठे हुए हैं। किसान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानून के खिलाफ पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।

हाड़ कंपा देने वाली दिल्ली की ठंड में बैठे इन किसानों के समर्थन में पिछले दिनों कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बयान दिया था। उन्होंने कहा कि भारत में प्रदर्शन करने वाले किसानों की स्थिति चिंताजनक है। 

टाइम्स नाऊ रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बाद अब ब्रिटेन की संसद के 36 सदस्यों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। सांसदों ने अपने देश के विदेश सचिव डॉमिनिक रैब को लिखा है कि वे सभी भारत में किसानों के मुद्दे पर ब्रिटेन सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं। 

भारत में किसानों की स्थिति चिंताजनक: ब्रिटेन सांसद

सांसदों ने अपने पत्र में लिखा कि भारत में किसानों के प्रदर्शन से जो स्थिति बनी है, वह ब्रिटेन व भारत में रह रहे सिख किसानों के लिए चिंता का विषय है। सांसदों ने इसके साथ ही पत्र में इस स्थिति पर चर्चा करने के लिए तत्काल बैठक बुलाने का भी आह्वान किया गया है।

सांसदों ने अपने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानून राज्य के करीब 3 करोड़ लोगों के लिए एक तरह से डेथ वारंट है। ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब में बड़ी संख्या में लोग किसान हैं और वह अपने फसल को बेचकर जीवन-यापन करते हैं। 

पत्र में यह भी लिखा गया है कि पंजाबी कृषक समुदाय आज के समय में राज्य की आर्थिक संरचना की रीढ़ माने जाते हैं। यही वजह है कि पंजाब के किसान राज्य व देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में सांसदों ने ब्रिटेन सरकार से भारत सरकार से इस कानून पर चर्चा करने की मांग की है।

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो बोले, अब भी अपने बयान पर कायम

किसान आंदोलन का कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने जिस तरह से समर्थन किया है उसके बाद से भारत और कनाडा के बीच के रिश्‍ते खराब होते दिखाई दे रहे हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे न केवल भारत का आंतरिक मामला बताया है बल्‍कि इस पर कड़ी आपत्‍ति भी दर्ज कराई  है।

इसके साथ ही भारत ने साफ शब्‍दों में कहा है कि अगर कनाडा ने इसी तरह भारत के आंतरिक मामलों में दखल दिया तो दोनों देशों के रिश्‍तों  को 'गंभीर नुकसान' पहुंचेगा। वहीं भारत की ओर नाराजगी जताने के बावजूद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने बयान पर कायम हैं और उन्‍होंने कहा है कि कनाडा हमेशा मानवाधिकारों के लिए खड़ा रहेगा।

भारत कनाडा के PM की टिप्पणी से नाराज भारत, उच्चायुक्त को किया तलब (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर-AP)

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बोलते हुए कहा, कनाडा हमेशा दुनिया में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन के अधिकार के समर्थन में खड़ा रहेगा। जस्टिन ट्रूडो ने कहा, हम भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर नजर बनाए हुए हैं। हम खुश हैं कि किसानों के साथ भारत की सरकार बातचीत कर रही है और तनाव कम करने की कोशिश की जा रही है।

Web Title: on delhi farmers' protests 36 British MPs write to Foreign Secretary Dominic Raab

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