नाइजीरिया में एक भी लड़की सुरक्षित नहीं, यहां इन वजहों से मां गर्म लोहे से दागती है बेटियों के स्तन: रिपोर्ट  

By अनुराग आनंद | Published: February 8, 2020 02:06 PM2020-02-08T14:06:33+5:302020-02-08T14:07:29+5:30

नाइजीरिया एक ऐसा देश है जहां कोई भी लड़की पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। किसी ना किसी कुप्रथा चाहे खतना हो या कोई दूसरा लड़कियों को इसका समना करना ही होता है। इन सब से बच जाए तो छेड़-छाड़ व रेप की घटना से लड़कियां परेशान है।

Not a single girl is safe in Nigeria, here are the reasons why mother stains daughters' breast with hot iron: report | नाइजीरिया में एक भी लड़की सुरक्षित नहीं, यहां इन वजहों से मां गर्म लोहे से दागती है बेटियों के स्तन: रिपोर्ट  

गर्म लोहे से दागा जाता है लड़कियों का स्तन

Highlightsयहां किसी लड़की के 10 साल के होते ही उसे यातना देना शुरू हो जाता है।इस देश में मां अपनी बेटियों के स्तन को गर्म लोहे से दागती है। ऐसे इसलिए जिससे उसके स्तन में उभार नहीं आ सके। 

दुनिया की आधी-आबादी के लिए कोई भी जगह पूरी तरह से सेफ है, यह कहना थोड़ा मुश्किल है। यदि हम यह सोचते हैं कि भारत में ही सिर्फ महिलाओं को पितृसत्तात्मक सोच की वजह से भेद-भाव का सामना करना पड़ता है तो यह सही नहीं है।

नाइजीरिया एक ऐसा देश है जहां कोई भी लड़की पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। किसी ना किसी कुप्रथा चाहे खतना हो या कोई दूसरी प्रथा इनकी वजह से लड़कियों को आए दिन इस यातना का सामना करना होता है।  यदि इन सब से बच जाए तो छेड़-छाड़ व रेप की घटना से लड़कियां परेशान है। यहां किसी लड़की के 10 साल के होते ही उसे यातना देना शुरू हो जाता है। इस देश में मां अपनी बेटियों के स्तन को गर्म लोहे से दागती है। ऐसे इसलिए जिससे उसके स्तन में उभार नहीं आ सके। 

अल जज़ीरा  नामक वेबसाइट ने दावा किया है कि अफ्रीका के कई देशों की महिलाओं का तर्क है कि लड़कियों की ब्रेस्ट आयरनिंग इसलिए की जाती है ताकि वे मर्दों की निगाहों से बच सकें और उनका रेप न हो।  यही वजह है कि इन कुप्रथा की वजह से लड़कियों को असहनीय पीड़ा और दर्द से गुजरना होता है। 

मिराबेल नाइजीरिया में रहने वाली एक कैमरून शरणार्थी है। उसने 10 साल की उम्र में भीषण दैनिक यातना की शुरुआत की। उसे यह यातना सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि वह एख लड़की थीं। मिराबेल की तरह ही यहां 10 साल की उम्र में इस यातना से लगभग सभी लड़कियों को गुजरना होता है। 

मिराबेल की मां ने उसके स्तनों को गर्म पत्थरों से इस्त्री किया। उसने उस पल को याद करते हुए बताया कि एक रोज उसकी मां ने कुछ लोगों के साथ मिलकर उसके पैरों को मजबूती से पकड़ा और फिर उसकी माँ एक जलती हुई गर्म लोहे की मूसल को सीधे आग से निकालती है और एक प्रयास में अपनी बेटी की छाती से सटाकर पर दबा देती है। ऐसा करके उसकी मां ने उसके स्तनों को समतल कर दिया।

उस छोटी सी मासूम ने बताया कि यह प्रक्रिया कई महीनों, या वर्षों तक दोहराया जा सकता है। जब तक कि स्तन के बाहर आने की संभावना शून्य ना हो जाए। पीड़िता ने बताया कि  इसका उद्देश्य या तो युवा लड़कियों को स्तनों को विकसित करने  से रोकना है या महिलाओं की छाती को समतल करना है।

उस वक्त को याद करते हुए लड़की का चेहरा लाल हो गया। उसके चेहरे पर डर साफ दिखाई दे रहा था। उसने बताया कि उस समय ऐसा लगा कि वे मेरे स्तनों पर आग लगा रहे हैं। 

उसकी माँ, एंजेला, कहती है कि उसकी बेटी दर्द और परेशानी से जूझ रही है, उसे उन बातों से कम चिंता है जो उसने किशोर लड़कियों को पुरुषों द्वारा यौन उत्पीड़न या शोषण के बारे में सुना और महसूस किया है। वह अपनी बेटी को पुरुषों के लिए कम आकर्षक बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

एंजेला कहती हैं, "मैं नहीं चाहती कि उसके आसपास के लड़के उसका निशाना बनें।" "मुझे पता है कि यहाँ बहुत से लड़के छोटी लड़कियों का पीछा करना पसंद करते हैं।"

अल जज़ीरा ने पाया कि कई शरणार्थियों परिवार की लड़कियां इस तरह के भेदभाव से पीड़ित है। रिपोर्ट में इस बात की चर्चा है कि प्रथा कैमरून में पीढ़ियों से चली आ रही है।
कैमरून की एक चौथाई महिलाओं ने ब्रेस्ट आयरनिंग से गुज़रा है। 

संयुक्त राष्ट्र ने लिंग-आधारित हिंसा से जुड़े सबसे कम अपराधों में से एक के रूप में स्तन इस्त्री का वर्णन किया है। यह विश्व स्तर पर 3.8 मिलियन महिलाओं को प्रभावित किया है।  

 

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